जोहार हिंदुस्तान | नई दिल्ली : आज देश अपने 15वें उपराष्ट्रपति का चुनाव कर रहा है। संसद भवन में सुबह 10 बजे मतदान शुरू होगा और यह शाम 5 बजे तक चलेगा। इसके बाद आज ही शाम 6 बजे से मतगणना शुरू होगी और परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। जो यह तय करेगा कि देश का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद कौन संभालेगा।
उम्मीदवार कौन हैं?
NDA (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन): महाराष्ट्र के राज्यपाल और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सी. पी. राधाकृष्णन।
INDIA (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव एलायंस): सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी, जिन्हें विपक्ष ने “प्रगतिशील न्यायाधीश” के तौर पर पेश किया है।
यह पहली बार है जब दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से हैं, जो राजनीति में दक्षिण के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।
वोटिंग की समय-सारणी
सुबह 10:00 बजे – मतदान शुरू
शाम 5:00 बजे – मतदान समाप्त
शाम 6:00 बजे – मतगणना और नतीजे घोषित
वोटिंग कैसे होती है?
उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों (लोकसभा + राज्यसभा) के सांसदों द्वारा किया जाता है।
कुल मिलाकर 790 सांसद वोट देने के पात्र हैं (543 लोकसभा + 245 राज्यसभा, कुछ सीटें रिक्त होने से संख्या थोड़ी कम)।
वोटिंग सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम (STV) से होती है, यानी सांसद अपनी प्राथमिकता दर्ज करते हैं।
बहुमत पाने वाला उम्मीदवार विजेता घोषित होता है।
राजनीतिक समीकरण और अनुमानित वोट ब्रेकअप
पक्ष अनुमानित वोट ताकतवर सहयोगी
NDA लगभग 390-410 बीजेपी (गठबंधन दलों के साथ), जेडीयू, शिवसेना-शिंदे गुट, टीडीपी, एलजेपी, अपना दल, एआईएडीएमके
INDIA गठबंधन लगभग 320-340 कांग्रेस, डीएमके, तृणमूल, राजद, सपा, झामुमो, लेफ्ट पार्टियां
तटस्थ/गैरहाजिर लगभग 30-40 बीजेडी, बीआरएस, वाईएसआरसीपी आदि
इन आंकड़ों के आधार पर सी. पी. राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है, लेकिन विपक्ष चाहता है कि मुकाबला करीबी दिखे ताकि 2029 के लिए राजनीतिक संदेश जाए।
उपराष्ट्रपति पद क्यों अहम है?
संविधान के अनुच्छेद 63 के तहत उपराष्ट्रपति भारत का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद है।
उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं और सदन की कार्यवाही का संचालन करते हैं।
राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में वही देश की कमान संभालते हैं।
अब तक कई उपराष्ट्रपति बाद में राष्ट्रपति बने हैं – जैसे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डॉ. जाकिर हुसैन, शंकर दयाल शर्मा और भैरोसिंह शेखावत।
अब तक का उपराष्ट्रपति चुनाव इतिहास
2017: वेंकैया नायडू ने गोपालकृष्ण गांधी को हराया।
2022: जगदीप धनखड़ ने मार्गरेट अल्वा को मात दी।
कांग्रेस और विपक्ष ने पहले भी मजबूत उम्मीदवार दिए, लेकिन संख्या बल के कारण NDA लगातार जीत दर्ज करता रहा है।
2029 लोकसभा चुनाव पर असर
विशेषज्ञ मानते हैं कि इस उपराष्ट्रपति चुनाव का सीधा असर आने वाले लोकसभा चुनाव 2029 के माहौल पर पड़ेगा।
अगर NDA जीतता है, तो संदेश जाएगा कि मोदी-शाह के नेतृत्व में बीजेपी और सहयोगी दल अब भी मजबूत स्थिति में हैं।
अगर INDIA गठबंधन अपेक्षा से ज्यादा वोट लाता है, तो यह विपक्ष के लिए मनोबल बढ़ाने वाला होगा और संकेत देगा कि जनता और सांसदों के बीच बदलाव की इच्छा मौजूद है।
चूंकि दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से हैं, यह स्पष्ट है कि 2029 में तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल निर्णायक भूमिका निभाएंगे।
नतीजे का इंतजार
आज शाम 6 बजे यह साफ हो जाएगा कि देश का 15वां उपराष्ट्रपति कौन होगा।
क्या NDA का उम्मीदवार सी. पी. राधाकृष्णन संख्या बल का फायदा उठाकर आसानी से जीत हासिल करेंगे?
या विपक्ष का उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी अप्रत्याशित समर्थन जुटाकर मुकाबले को करीबी बना देंगे?
देश और संसद की निगाहें इस चुनाव पर टिकी हैं, क्योंकि यह केवल उ
पराष्ट्रपति का चुनाव नहीं है, बल्कि आने वाले 2029 लोकसभा चुनाव की दिशा और विपक्ष की ताकत का संकेत भी है।