दिल्ली/ उत्तराखंड : उत्तराखंड के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर में आज सुबह करीब 9:30 बजे भारी भीड़ के कारण सीढ़ी मार्ग पर भगदड़ मच गई, जिससे 6 श्रद्धालुओं की मौके पर मौत हो गई और 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। ऐसे हादसे देश की धार्मिक आस्था को झकझोरते हैं। प्रशासन को चाहिए कि भीड़ नियंत्रण के आधुनिक उपायों, डिजिटल दर्शन व्यवस्था, और मंदिर प्रबंधन की जवाबदेही को तुरंत लागू करें।
कैसे मची भगदड़?
श्रावण मास और रविवार होने के कारण मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे थे। सीढ़ी मार्ग पर भीड़ अत्यधिक हो जाने के कारण अचानक अफरा-तफरी मच गई, जिससे कई श्रद्धालु एक-दूसरे पर गिर पड़े और दर्दनाक भगदड़ की स्थिति बन गई।
घायलों का इलाज जारी, बचाव कार्य में जुटा प्रशासन
घायलों को तुरंत हरिद्वार जिला अस्पताल और नजदीकी प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। NDRF, SDRF और स्थानीय पुलिस द्वारा बचाव व राहत कार्य तेजी से जारी है। स्थानीय प्रशासन ने भी भीड़ प्रबंधन के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर दुख जताया है और जांच के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख मुआवज़ा, गंभीर रूप से घायलों को ₹1 लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
श्रद्धालुओं से प्रशासन की अपील
हरिद्वार प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे दर्शन के लिए भीड़ की स्थिति को देखते हुए संयम बरतें और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें। सीढ़ी मार्ग पर श्रद्धालुओं की संख्या सीमित करने के लिए डिजिटल टोकन सिस्टम लागू किए जाने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है।
घटना की जांच और भविष्य की तैयारी
हरिद्वार जिला प्रशासन ने बताया कि CCTV फुटेज की जांच, श्रद्धालुओं की संख्या पर नियंत्रण, और भीड़ प्रबंधन के मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) पर अब सख्ती से काम किया जाएगा