जोहार हिंदुस्तान | लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जिला महोबा में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। यहाँ 52 वर्षीय सरकारी शिक्षक मनोज साहू ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
स्थानीय शिक्षकों का कहना है कि टीईटी परीक्षा की अनिवार्यता से कई वरिष्ठ और मृतक आश्रित कोटे से नियुक्त शिक्षक मानसिक दबाव में हैं। इस घटना ने पूरे जिले में शोक और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक, मनोज साहू को अपने पिता की मृत्यु के बाद मृतक आश्रित कोटे के तहत शिक्षक की नौकरी मिली थी। लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सभी शिक्षकों के लिए टीईटी (Teacher Eligibility Test) पास करना अनिवार्य कर दिया गया है।
परिजनों और सहकर्मियों का कहना है कि इस फैसले के बाद से ही मनोज साहू लगातार तनाव में थे। उन्हें चिंता थी कि इस उम्र में पढ़ाई कर परीक्षा देना उनके लिए संभव नहीं होगा। इसी दबाव और चिंता ने उनकी मानसिक स्थिति को गहराई से प्रभावित कर दिया।
शनिवार देर रात उन्होंने अपने घर में फांसी लगाकर जीवन समाप्त कर लिया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।