जोहार हिंदुस्तान | लोहरदगा : करम पर्व की पूर्व संध्या पर केंद्रीय सरना समिति की ओर से स्थानीय महाविद्यालय परिसर में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. सुमन कुजूर, पूर्व प्राचार्य प्रो. लोहार उरांव और रोशन खलखो समेत कई शिक्षकों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
खोड़हा दलों की मनमोहक प्रस्तुति
कार्यक्रम में आदिवासी समुदाय के विभिन्न खोड़हा दलों ने अपनी पारंपरिक झांकी और नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया। पूरी महफिल आदिवासी संस्कृति के रंग में डूब गई।
मंत्री चमरा लिंडा का संबोधन
मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद राज्य के मंत्री चमरा लिंडा ने कहा कि हमें अपनी संस्कृति को जानने-समझने और आगे बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिए मैं हमेशा प्रयासरत हूं। गुमला और रांची में प्रेक्षागृह का निर्माण कराया जाएगा ताकि आदिवासी समाज अपनी परंपरा और संस्कृति को संरक्षित कर सके।
सांसद सुखदेव भगत ने दी सीख
कार्यक्रम में सांसद सुखदेव भगत ने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति का केवल पूजारी ही नहीं, बल्कि संरक्षक और संवर्धन करने वाला समाज है। हमारे त्योहारों में शांति और अनुशासन झलकता है। लेकिन आधुनिकता के नाम पर डीजे डांस जैसी चीजें हमारी परंपरा को नुकसान पहुँचा सकती हैं। हमें अपने पुरखों द्वारा दी गई धरोहर को बचाना होगा।
उन्होंने आगे कहा कि आदिवासी समाज का रहन-सहन, भोजन, पूजा-पद्धति सभी प्रकृति पर आधारित है। यदि प्रकृति बचेगी तो सृष्टि बचेगी।
उपस्थित अतिथि और बुद्धिजीवी
कार्यक्रम में पूर्व सांसद सुदर्शन उरांव, जीप अध्यक्ष रीना भगत, मनी उरांव, अनिल उरांव, लक्ष्मी उरांव, रघु उरांव, शशि कुमार भगत समेत बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी, जनप्रतिनिधि, छात्र-छात्राएं और आमजन शामिल हुए।