जोहार हिंदुस्तान | गुमला: गुमला जिले के कोटाम में अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद द्वारा आयोजित आदिवासी सांस्कृतिक जतरा का आयोजन बड़े उत्साह के साथ किया गया। इस अवसर पर झारखंड सरकार के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री, और बिशनपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चमरा लिंडा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
इस आदिवासी सांस्कृतिक जतरा ने झारखंड की जीवंत परंपराओं की झांकी पेश की — लोकगायन, पारंपरिक नृत्य, गीत, लोक वाद्य यंत्रों की धुनें और रंगीन सांस्कृतिक प्रस्तुति लोगों ने खूब आनंद लिया।
मंत्री चमरा लिंडा ने कहा यह आयोजन झारखंड की अस्मिता, सामाजिक एकजुटता और सांस्कृतिक धरोहर को नई दिशा देता है। आदिवासी संस्कृति हमारी आत्मा है। इसे संरक्षित व संवर्धित करना हम सभी की ज़िम्मेदारी है।
चमरा लिंडा ने लोक कला एवं सांस्कृतिक आयोजनों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया, ताकि ग्रामीण कलाकारों को आगे आने का अवसर मिले।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार उन कलाओं और परंपराओं को राज्य-स्तर पर पहचान दिलाने का काम कर रही है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे अपने सांस्कृतिक त्योहारों और जतरा-मेला आयोजनों में बढ़-चढ़ कर भाग लें, ताकि हमारी संस्कृति लुप्त न हो।
उन्होंने कहा आने वाले समय में उम्मीद है कि ऐसी जतरा का आयोजन झारखंड के ग्रामीण इलाकों में नियमित होंगी, जिससे लोक कला, संस्कृति और परंपराएं सजग और जीवंत रहें।
कोटाम में यह जतरा सिर्फ मनोरंजन या उत्सव नहीं था यह झारखंड के आदिवासी समाज की आत्मगौरव की अभिव्यक्ति था। चमरा लिंडा जैसे नेताओं की मौजूदगी इस प्रकार की पहलों को और प्रेरणादायक बनाती है।