जोहार हिंदुस्तान | लोहरदगा : झारखंड की पहचान और विश्वभर में प्रसिद्ध ऐतिहासिक मुड़मा जतरा 2025 का आज आदिवासी सरना प्राचीन परंपरा और रीति-रिवाजों के साथ भव्य शुभारंभ हुआ।
जतरा की आधिकारिक शुरुआत सरना धर्मगुरु बंधन तिग्गा ने शक्ति खूंटा स्थल पर 40 पड़हा के पहान-पुजार, टाना भक्तों, हजारों सरना माताओं-बहनों और श्रद्धालुओं की उपस्थिति में की।
इस अवसर पर लोहरदगा लोकसभा के सांसद सुखदेव भगत, राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की सहित कई जनप्रतिनिधि, अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।
आदिवासी आस्था और एकता का प्रतीक
हजारों वर्षों से मनाया जा रहा मुड़मा जतरा सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि आदिवासी एकता, संस्कृति और सरना आस्था का प्रतीक है।
शक्ति खूंटा स्थल पर पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। पारंपरिक नगाड़ों, मांदर की थाप और जय सरना के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा। धर्म गुरु बंधन तिग्गा ने जतरा में नेपाल, बांग्लादेश, भूटान सहित देश के अलग-अलग राज्यों और झारखंड के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए शुभकामना संदेश दिया।
सरना धर्मगुरु बंधन तिग्गा का संदेश
इस मौके पर सरना धर्मगुरु बंधन तिग्गा ने कहा ऐतिहासिक मुड़मा जतरा केवल झारखंड ही नहीं, पूरे देश और विश्व में आदिवासी संस्कृति की धरोहर है। सरना धर्म शांति, प्रेम और प्रकृति-संतुलन का प्रतीक है। हमें अपनी परंपरा को सहेजना और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना है।
सांसद सुखदेव भगत ने उठाई ‘सरणा धर्म कोड’ की मांग
सांसद सुखदेव भगत ने अपने संबोधन में कहा कि मुड़मा जतरा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह हमारे अस्तित्व की पहचान है। यही वह पवित्र स्थल है जहां हजारों वर्ष पूर्व सरना अनुयायियों ने मिलकर शक्ति खूंटा की स्थापना की थी। उन्होंने आगे कहा कि आज देशभर से यहां जुटे आदिवासी समुदाय के लोग सरकार से सरना धर्म कोड की मांग कर रहे हैं। संसद में भी मैंने यह मांग उठाई है, क्योंकि सरना धर्म कोड आदिवासी अस्तित्व की लड़ाई है, हमारी पहचान की रक्षा है।
सांस्कृतिक विरासत का संगम
जतरा स्थल पर पारंपरिक गीत-संगीत, नृत्य और लोककला का अद्भुत संगम देखने को मिला। दूर-दराज़ से आए श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे को गले लगाकर एकता और भाईचारे का संदेश दिया।
आदिवासी माताएं बहनें पारंपरिक परिधान में सरना गीतों पर झूमती नजर आईं।
सुरक्षा और व्यवस्था के कड़े इंतजाम
प्रशासन की ओर से जतरा स्थल पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। जहां हजारों की तादाद में पुलिस बल तैनात किए गए हैं वहीं मुड़मा जतरा समिति के द्वारा भी भारी संख्या मे वालंटियर भी तैनात किए गए हैं जो जतारा में आए श्रद्धालुओं की सुरक्षा और उनकी सुविधाओं का ख्याल रखेंगे। वही जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस बल लगातार मुस्तैद रहे।