जोहार हिंदुस्तान | जामताड़ा : नारायणपुर प्रखंड के जगदीशपुर गोकुला गांव में इस्लामी तहज़ीब और तालीम को समर्पित एक ऐतिहासिक जलसा दस्तारबंदी एवं इस्लाहे मुआशरा कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ। यह आयोजन न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि समाज में एकता, शिक्षा और अमन का संदेश देने वाला साबित हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत कुरान पाक की तिलावत से हुई, जिससे पूरे जलसे का माहौल रूहानियत और पाकीज़गी से भर उठा। जलसे की सदारत मौलाना हबीबुर्रहमान ने की, जबकि आयोजन की जिम्मेदारी मौलाना अब्बास कासमी ने बखूबी निभाई।
मुख्य वक्ता के रूप में मंच की शोभा बढ़ा रहे कारी अहमद अली (गुजरात) ने अपने जोशीले और दिल को छू लेने वाले बयान में कहा..
आज के हालात में हमें किसी से डरने की जरूरत नहीं, बल्कि जरूरत है दो घंटे अल्लाह के लिए निकालने की। अगर हम रोज़ कुरान की तिलावत और पांच वक्त की नमाज पढ़ें, तो अल्लाह हमारी जान, माल और इज्जत की हिफाजत फरमाएगा।
कारी साहब ने आगे कहा कि अल्लाह ने आठ जन्नतें बनाई हैं और हर नेक अमल करने वाले को उसका इनाम देता है।
उन्होंने कहा मैं आज आपसे भीख मांगने आया हूं — अपने लिए नहीं, बल्कि आपकी तालीम और ईमान के लिए। उनका बयान ‘आमीन’ की गूंज के साथ बार-बार तालियों में डूबता गया।
विशिष्ट अतिथि और पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने कहा कि इस बार जलसे में पिछले सालों की तुलना में तीन गुना भीड़ उमड़ी, जो इस कार्यक्रम की लोकप्रियता और लोगों के विश्वास का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि तालीम के बिना कोई समाज तरक्की नहीं कर सकता। यह जलसा समाज में जागरूकता और एकता की मिसाल है।
कार्यक्रम के दौरान मदरसा में शिक्षा प्राप्त कर रहे 35 बच्चों की दस्तारबंदी की गई। यह पल पूरे मजमे के लिए गर्व और भावनाओं से भरा हुआ रहा। मंच पर कारी जमशेद जोहर और अब्दुल बातिन फैजी ने नात पाक पेश की, जिससे पूरा जलसा दीनी जोश और रूहानियत से सराबोर हो उठा।
समापन दुआ के साथ हुआ, जिसमें सभी ने मिलकर अमन, सलामती और समाज की तरक्की की दुआ की।
मंच पर मौलाना नईम कासमी, मौलाना अजीमुद्दीन, मौलाना अनवर, हाफिज नाजीर हुसैन, मौलाना सद्दाम, मास्टर मौला बॉक्स, फिरदौस अंसारी समेत कमेटी के कई जिम्मेदार सदस्य मौजूद रहे।
यह जलसा न केवल धार्मिक एकता का प्रतीक बना, बल्कि समाज में यह संदेश छोड़ गया कि इमान, तालीम और अमन ही एक समृद्ध और तरक्कीपसंद समाज की असली नींव हैं।