जोहार हिंदुस्तान | नई दिल्ली : दिल्ली दंगा 2020 के “लार्जर कांस्पिरेसी” मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा और मीरान हैदर सहित अन्य आरोपियों की ज़मानत याचिकाओं की सुनवाई 22 सितंबर 2025 तक के लिए स्थगित कर दी है।
मामला क्या है?
इस मामले में आरोप है कि यह दंगे पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा थे, जिसमें आरोपियों ने भाषणों, समूह बैठकों, प्रोटेस्ट संगठन और अन्य माध्यमों से हिंसा फैलाने की कोशिश की।
आरोपियों को UAPA (Unlawful Activities Prevention Act) सहित अन्य आईपीसी धाराओं के तहत केस दर्ज है।
आज होनी थी सुनवाई
दिल्ली हाईकोर्ट ने 2 सितंबर 2025 को इनकी ज़मानत याचिकाएँ खारिज की थीं। फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की तिथि पहले 12 सितंबर तय हुई थी, उस दिन सुनवाई नहीं होने के कारण 19 सितंबर को सुनवाई की अगली तारीख निर्धारित की गई थी लेकिन अब इसे फिर से 22 सतंबर तक के लिए बढ़ा दिया गय है। 12 सितंबर को बताया गयाथ कि फाइल देर से मिलने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी।
सुनवाई स्थगन के कारण
सुप्रीम कोर्ट बेंच (न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति मनमोहन) ने बताया कि अधूरा दस्तावेज़ीकरण और समय पर फ़ाइल नहीं मिलने के कारण उन्हें मामलों की समीक्षा करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला। इसलिए सुनवाई को 22 सितंबर तक टाल दिया गया। पिछले स्थगनों में भी इसी तरह की प्रक्रिया देखी गई थी जहाँ ‘supplementary list’ की फाइलें देर रात मिली थीं।
आरोपियों में उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर के साथ अन्य भी शामिल हैं, जिनकी ज़मानत याचिकाएँ खारिज हुई थीं।
पिछले समय से लंबित सुनवाई
आरोपी पाँच वर्षों से अधिक समय से न्यायालय हिरासत में हैं। मामले से संबंधित चार्जशीट, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य आदि अभी तक जाँच पूरी नहीं हुई है, ट्रायल अभी शुरू नहीं हो पाया है।
आगे क्या होगा?
अगली सुनवाई 22 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में होगी, जहाँ न्यायालय को उम्मीद है कि आरोपी पक्ष और अभियोजन पक्ष दोनों अपनी बातें रखेंगे।
इस मामले का फैसला न केवल आरोपियों की ज़मानत की दिशा में महत्वपूर्ण होगा, बल्कि लंबी हिरासत और ट्रायल की देरी जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी न्यायालय का रुख सामने आएगा।