जोहार हिंदुस्तान | नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डी. वाय. गवई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील राकेश किशोर पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने कड़ी कार्रवाई की है। बार काउंसिल ने उनका वकालत करने का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित (Suspended) कर दिया है।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया की सख्त कार्रवाई
बार काउंसिल के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने अपने आदेश में कहा है कि यह कदम “पेशे की गरिमा और न्यायपालिका की प्रतिष्ठा की रक्षा” के लिए उठाया गया है।
आदेश में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि वकील राकेश किशोर का आचरण अधिवक्ता अधिनियम 1961 और बार काउंसिल ऑफ इंडिया नियमों के विपरीत है, इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से वकालत करने से निलंबित किया जाता है।
क्या हुआ था सुप्रीम कोर्ट में
6 अक्टूबर की सुबह करीब 11:15 बजे, सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट नंबर 1 में सुनवाई के दौरान वकील राकेश किशोर ने CJI डी. वाय. गवई की ओर जूता फेंकने की कोशिश की।
सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत उन्हें पकड़ लिया और बाहर ले गए। बाद में पुलिस ने पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया, क्योंकि CJI गवई ने उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया।
CJI ने दिखाई उदारता
सुनवाई के दौरान हुई इस अप्रत्याशित घटना के बावजूद, मुख्य न्यायाधीश ने बेहद संयम दिखाया और कहा कि वकील मानसिक रूप से तनाव में प्रतीत हो रहे हैं, उनके खिलाफ कोई कठोर कदम न उठाया जाए। इस निर्णय की सराहना न्यायिक और अधिवक्ता समुदाय दोनों ने की है।
बार काउंसिल ने कहा – पेशे की गरिमा सर्वोपरि
बार काउंसिल ने बयान जारी करते हुए कहा कि “न्यायालय में अनुशासन और मर्यादा वकालत का आधार है। किसी भी परिस्थिति में असभ्य व्यवहार या कोर्ट की गरिमा का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।