जोहार हिंदुस्तान डेस्क | नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और 9 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया है। याचिका में गंभीर आरोप लगाए गए हैं कि पश्चिम बंगाल से आने वाले बंगाली मुस्लिम प्रवासी मज़दूरों को देश के विभिन्न राज्यों में गलत तरीके से बांग्लादेशी नागरिक करार देकर गैरकानूनी रूप से हिरासत में लिया जा रहा है।
पीठ ने इस मामले पर केंद्र और संबंधित राज्यों से जवाब मांगा है। नोटिस जारी किए गए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में असम, त्रिपुरा, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर शामिल हैं।
याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि बड़ी संख्या में बंगाली मुस्लिम मज़दूर रोज़गार की तलाश में अन्य राज्यों में जाते हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन और पुलिस बिना पर्याप्त दस्तावेज़ी सबूत के उन्हें “अवैध प्रवासी” बताकर हिरासत में ले लेती है, जिससे उनके मानवाधिकारों का हनन हो रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी पक्षों को अपना जवाब अगली सुनवाई से पहले दाखिल करना होगा। अदालत ने कहा कि किसी भी नागरिक के साथ जातीय या धार्मिक पहचान के आधार पर भेदभाव करना संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन है।