जोहार हिंदुस्तान | लखनऊ : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव भले ही डेढ़ साल दूर हों, लेकिन सियासी माहौल पहले से ही गरमाने लगा है। समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपनी तैयारियों का बिगुल बजा दिया है और पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पूरी तरह चुनावी मोड में आ चुके हैं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इस बार अखिलेश यादव बदले हुए तेवर और रणनीति के साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। सपा में उम्मीदवारों के चयन को लेकर गहन मंथन का दौर जारी है। खुद सपा मुखिया लगातार संगठन के नेताओं और कार्यकर्ताओं से फीडबैक ले रहे हैं।
75 दिन–75 जिलों का दौरा
अखिलेश यादव ने 2027 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए एक मेगा कैंपेन की रूपरेखा बनाई है। वह 75 दिनों में 75 जिलों का दौरा करने की योजना पर काम कर रहे हैं। इस मैराथन अभियान का लक्ष्य कार्यकर्ताओं में जोश भरना, सपा की जड़ों को और मजबूत करना तथा जनता के बीच पार्टी की उपस्थिति को मजबूती से दर्ज कराना है।
नए अवतार में अखिलेश
2012 और 2022 के चुनावों की तुलना में इस बार अखिलेश यादव अलग रणनीति अपनाते नजर आ रहे हैं। वह संगठनात्मक मजबूती, ग्राउंड लेवल पर संवाद और कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी को प्राथमिकता दे रहे हैं। पार्टी सूत्रों का मानना है कि यह ‘नया अवतार’ सपा को प्रदेश की राजनीति में नई ऊर्जा दे सकता है।
राजनीतिक संदेश
विशेषज्ञों का कहना है कि 75 जिलों का दौरा सिर्फ एक चुनावी कार्यक्रम नहीं, बल्कि राजनीतिक संदेश भी है। इसके जरिए अखिलेश यादव यह दिखाना चाहते हैं कि वह हर जिले और हर वर्ग की नब्ज को समझने के लिए तैयार हैं।
आगे की राह
सपा का यह अभियान न सिर्फ कार्यकर्ताओं को एकजुट करेगा बल्कि जनता के बीच पार्टी की जमीनी मौजूदगी को भी मजबूत करेगा। आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि अखिलेश यादव का यह चुनावी प्रयोग प्रदेश की राजनीति में कितना असर डालता है।