जोहार हिंदुस्तान | लोहरदगा : वर्ष 2000 में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा चयनित शिक्षकों की नियुक्ति के 25 वर्ष पूर्ण होने पर रजत जयंती समारोह का आयोजन हुआ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में लोहरदगा के उपायुक्त डॉ. ताराचंद शामिल हुए। अपने संबोधन में उन्होंने कहा.. “शिक्षक अपने छात्रों के लिए सदैव रोल मॉडल होते हैं। विद्यार्थी केवल पढ़ाई ही नहीं, बल्कि शिक्षक के हावभाव और आचरण को भी जीवन में उतारते हैं। इसलिए हर शिक्षक को अपने व्यवहार और गतिविधियों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि गुरु-शिष्य परंपरा भारत की सनातन धरोहर है और इसे और मजबूत करने की आवश्यकता है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित जिला शिक्षा पदाधिकारी दास सुनंदा चन्दमौलेश्वर ने भी सेवानिवृत्त शिक्षकों से शिक्षा की गुणवत्ता सुधार में योगदान देने का आवाह्न किया।
कार्यक्रम में रामकुमार झा ने 2000 बैच के शिक्षकों की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला, वहीं अरुण कुमार दास ने शिक्षकों द्वारा जिला प्रशासन को निरंतर सहयोग देने की बात कही।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी शानदार प्रस्तुतियां हुईं जिनमें नागपुरी नृत्य, लोकगीत, बांसुरी और पियानो वादन विशेष आकर्षण का केंद्र रहे।
इस मौके पर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी राजीव रंजन, सेवानिवृत्त प्राचार्य शिवशंकर सिंह, कृष्णा प्रसाद, बलदेव साहु महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. शशि कुमार गुप्ता सहित जिले के अनेक वरिष्ठ शिक्षक, सेवानिवृत्त शिक्षक और सैकड़ों शिक्षिकाएं मौजूद रहे।