जोहार हिंदुस्तान | लातेहार : दिवंगत दिशोम गुरु शिबू सोरेन की श्राद्धकर्म की बारहवीं अवसर पर कामता पंचायत सचिवालय में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर पंचायत समिति सदस्य अयुब खान व मुखिया नरेश भगत ने संयुक्त रूप से दिशोम गुरु की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही दो मिनट का मौन रखकर आत्मा की शांति की प्रार्थना की गई। इसके बाद महिलाओं, पुरुषों और बच्चों के बीच फल वितरण किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पंचायत समिति सदस्य अयुब खान ने कहा कि नेमरा गांव के निवासी दिशोम गुरु शिबू सोरेन सांसद, केंद्रीय मंत्री और तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने न केवल आदिवासी समाज बल्कि गरीब, शोषित और कमजोर वर्गों के अधिकारों के लिए आजीवन संघर्ष किया। गुरुजी ने शोषकों के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा दी और जल, जंगल, जमीन बचाने का आंदोलन खड़ा किया।
उन्होंने बताया कि 1969-70 के दशक में शिबू सोरेन ने जनजागरण कर लोगों को शोषण से मुक्ति दिलाने की दिशा में आंदोलन शुरू किया। 1980 के दशक में उन्होंने अलग झारखंड राज्य के लिए निर्णायक लड़ाई लड़ी। यही कारण है कि उन्हें दिशोम गुरु की उपाधि दी गई।
उन्होंने आगे कहा कि शिबू सोरेन गरीब और कमजोर वर्गों के बच्चों की शिक्षा पर हमेशा जोर देते थे। उनका मानना था कि शिक्षा ही वह ताकत है जिससे समाज का हर व्यक्ति अपने हक और अधिकार के लिए आवाज उठा सकता है। उनकी यही सोच और संघर्ष उन्हें हर घर में ‘गुरुजी’ बना गई।
कार्यक्रम में अमीर खान, टिपू खान, एजाज खान, अनु खान, अजरहूल खान, रुस्तम खान, वाहीद खान समेत बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण, महिला और पुरुष उपस्थित रहे।