जोहार हिंदुस्तान डेस्क: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद हिंसा मामले में गिरफ्तार किए गए शाही जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट को 131 दिन बाद मुरादाबाद जेल से रिहा कर दिया गया है।
जेल से बाहर आते ही उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। समर्थकों और परिजनों ने फूल-मालाओं, ढोल-नगाड़ों और आतिशबाजी के साथ उनका भव्य अभिनंदन किया।
क्या है पूरा मामला?
संभल में कुछ माह पूर्व शाही जामा मस्जिद के आसपास हुई हिंसा और तनाव के मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष जफर अली को भी आरोपी बनाया था। जफर अली एडवोकेट को पुलिस ने गिरफ्तार कर मुरादाबाद जेल भेजा था, जहां उन्होंने पूरे 131 दिन बिताए। हालांकि, पूरे घटनाक्रम में उनके समर्थकों और परिजनों का कहना था कि उन्हें झूठा फंसाया गया, और यह एकतरफा कार्रवाई थी।
जेल से रिहाई के बाद हुआ जोरदार स्वागत
मुरादाबाद जेल से रिहा होने के बाद जैसे ही जफर अली बाहर निकले, लोगों की भारी भीड़ पहले से इंतज़ार कर रही थी।
उनके स्वागत में फूल-मालाएं, ढोल-नगाड़े, और रंग-बिरंगी आतिशबाज़ी का आयोजन किया गया। कई जगहों पर उनके सम्मान में गेट सजाए गए, और स्थानीय स्तर पर लड्डू और मिठाइयों का वितरण भी हुआ।
समर्थकों ने उन्हें “संघर्ष का प्रतीक”, “सच्चाई की जीत” जैसे नारों से सम्मानित किया।
परिजनों और समर्थकों की प्रतिक्रिया
परिजनों का कहना है कि.. जफर अली को फंसाया गया था, लेकिन न्याय की जीत हुई है। हमने कभी विश्वास नहीं खोया। आज का दिन ऐतिहासिक है।
वहीं समर्थकों ने मांग की कि.. इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो और जो लोग बेगुनाहों को फंसा रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई हो।