राजधानी रांची से सटे रामगढ़ जिले के लोदरू बेड़ा गांव में दामोदर नदी के किनारे एक युवक का शव मिलने के बाद इलाके में तनाव और आक्रोश का माहौल बना हुआ है। मृतक की पहचान आफताब अंसारी के रूप में हुई है, जो पिछले तीन दिनों से लापता था। तीन दिन बाद, 26 जुलाई की देर रात रजरप्पा थाना क्षेत्र में दामोदर नदी के किनारे शव मिलने की खबर से गुस्साए लोगों ने रामगढ़ थाना चौक पर सड़क जाम, टायर जलाकर प्रदर्शन, और पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। हालात बिगड़ते देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। घटनास्थल पर SDO, SDPO सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।
इस संदिग्ध मौत को लेकर एपीसीआर झारखंड (APCR Jharkhand) के सचिव एडवोकेट जियाउल्लाह ने घटना की स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायिक जांच की मांग की है।
एडवोकेट जियाउल्लाह, सचिव, APCR Jharkhand ने कहा..
“यह घटना कानून व्यवस्था और मानवाधिकार के लिए गंभीर सवाल है। हम सरकार से मांग करते हैं कि एक स्वतंत्र न्यायिक जांच टीम गठित की जाए, जिसमें न्यायिक अधिकारी, मानवाधिकार कार्यकर्ता, और स्वतंत्र एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल हों।”
उन्होंने आगे मांग की कि सभी दोषियों को तत्काल गिरफ़्तार कर सख़्त कानूनी कार्रवाई की जाए। पीड़ित परिवार को 50 लाख का मुआवजा दिया जाए। परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
घटना को लेकर दो FIR दर्ज की गई हैं..
1. सालेहा खातून द्वारा दर्ज प्राथमिकी में पति की पिटाई, पुलिस कस्टडी में गायब होने, और बाद में शव मिलने का आरोप है।
2. दूसरी FIR अर्शी गारमेंट की पार्टनर नेहा सिंह ने दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि उन्होंने आफताब को बचाने की कोशिश की, तो उन्हें भी बदतमीजी और छेड़छाड़ का शिकार होना पड़ा।