नई दिल्ली : पहलगाम में अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले और उससे जुड़े ऑपरेशन सिंदूर को लेकर देश की राजनीति गर्म है। इस मुद्दे पर जब संसद में चर्चा चल रही थी, तो दिल्ली में पत्रकारों द्वारा सवाल पूछे जाने पर लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र से सांसद सुखदेव भगत ने सरकार से सीधे सवाल करते हुए कहा कि “आतंकवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति जैसे गंभीर मुद्दों पर सरकार को जवाब देना होगा। सांसद सुखदेव भगत के सवालों ने आतंकवाद से निपटने की मौजूदा सरकारी नीति और विदेश नीति पर नए सिरे से बहस छेड़ दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कोई राजनीतिक आरोप नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा और भविष्य से जुड़ा गंभीर मसला है, जिस पर सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
सांसद सुखदेव भगत ने कहा… “हमें उम्मीद है कि सरकार इस पूरे मामले पर सकारात्मक रवैया अपनाएगी। राष्ट्रीय सुरक्षा, नागरिकों की सुरक्षा, विदेश नीति और पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को प्रायोजित करने जैसे मुद्दों पर खुलकर और निष्पक्ष चर्चा होनी चाहिए।”
उन्होंने सवाल उठाया कि अगर विपक्ष ने सरकार की आलोचना की है, तो उसे सकारात्मक आलोचना के रूप में लिया जाना चाहिए, न कि राजनीतिक हमला मानकर खारिज किया जाए।
सांसद ने सरकार से पूछे ये तीन बड़े सवाल
1. सुरक्षा में चूक किसके आदेश पर हुई?
पहलगाम जैसे संवेदनशील क्षेत्र में सुरक्षा हटाने का आदेश किसने दिया? आतंकी हमले के बाद सरकार ने कौन-कौन से ठोस कदम उठाए?
2. क्या हम आतंकवाद और व्यापार की तुलना कर सकते हैं?
सुखदेव भगत ने कहा, “पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार-बार कहते रहे कि उन्होंने व्यापार के कारण युद्ध विराम कराया। क्या भारत की विदेश नीति भी अब व्यापार से तय होगी?”
3. क्या सरकार पक्षपात से बचेगी?
उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इस मामले में किसी भी दलगत या वैचारिक पक्षपात से बचते हुए निष्पक्ष जांच कराएगी।
90 दिन क्यों लगे चर्चा कराने में? विपक्ष का तर्क
सांसद भगत ने यह भी कहा कि… “इतने गंभीर राष्ट्रीय मुद्दे पर चर्चा कराने में सरकार को 90 दिन लग गए, यह समझ से परे है। अगर सवाल पूछे जा रहे हैं, तो यह लोकतंत्र का हिस्सा है, न कि राष्ट्र विरोध।”