जोहार हिंदुस्तान | पटना : बिहार की राजनीति में एक नया राजनीतिक समीकरण उभरकर सामने आया है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM), आज़ाद समाज पार्टी (ASP) और अपनी जनता पार्टी (AJP) ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए गठबंधन कर लिया है। यह गठबंधन अब “ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस” (GDA) के बैनर तले चुनाव मैदान में उतरेगा।
AIMIM के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की आधिकारिक घोषणा की। उन्होंने बताया कि GDA बिहार में तीसरे मोर्चे के रूप में उभरेगा, जिसका मुख्य उद्देश्य सामाजिक न्याय, समान अवसर और वंचित तबकों की आवाज़ को मजबूती से उठाना है।
अख्तरुल ईमान ने कहा कि बिहार में दो बड़े गठबंधनों के बीच आम जनता की आवाज़ दब जाती है। हमारा लक्ष्य है कि दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक और गरीब तबकों की आवाज़ को राजनीति के केंद्र में लाया जाए। GDA किसी जाति या धर्म के लिए नहीं, बल्कि हर वंचित वर्ग के लिए लड़ेगा।
इस मौके पर ASP के प्रतिनिधियों ने कहा कि बिहार में समान शिक्षा, रोज़गार और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है। GDA जनता को एक नया विकल्प देगा, जो न तो सांप्रदायिक राजनीति करेगा, न ही परिवारवाद की।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस गठबंधन के बनने से बिहार की राजनीतिक लड़ाई में एक तीसरा मजबूत मोर्चा खड़ा हो सकता है। यह गठबंधन पारंपरिक वोट समीकरणों को प्रभावित कर सकता है, खासकर सीमांचल और उत्तर बिहार के इलाकों में जहां AIMIM और ASP की सक्रियता पहले से मौजूद है।
गौरतलब है कि
AIMIM सीमांचल इलाकों में मुस्लिम बहुल सीटों पर प्रभाव रखती है।
ASP का आधार दलित और पिछड़े वर्गों में तेजी से बढ़ा है।
AJP क्षेत्रीय स्तर पर सामाजिक न्याय के मुद्दों को उठाती रही है।
GDA का ऐलान होते ही राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। सभी की नज़रें अब इस पर हैं कि गठबंधन किन सीटों पर उम्मीदवार उतारेगा और किन मुद्दों के साथ जनता के बीच जाएगा।
