जोहार हिंदुस्तान | रामगढ़ : झारखंड आंदोलन के महानायक और पूर्व मुख्यमंत्री गुरुजी शिबू सोरेन के निधन के बाद, आज उनके पैतृक गांव नेमरा में आदिवासी परंपरा के अनुसार दशकर्म का आयोजन हुआ। इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के तहत पहान पुजार की मौजूदगी में मुंडन संस्कार संपन्न कराया। जैसे ही हेमंत सोरेन ने मुंडन करवाया, पूरा माहौल भावुक हो उठा, मौके पर मौजूद ग्रामीण, कार्यकर्ता और परिजन सभी की आंखें नम हो गई।
कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोग गुरुजी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। गांव की गलियां, चौपाल और आंगन गुरुजी के जीवन संघर्ष की कहानियों से गूंज रहे थे।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भावुक शब्दों में कहा.. “गुरुजी ने झारखंड की पहचान और सम्मान के लिए जो सपना देखा, उसे पूरा करना ही हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। उनका संघर्ष और सिद्धांत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।”
पारंपरिक अनुष्ठान के बाद सामूहिक भोज का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। यह आयोजन केवल एक धार्मिक रस्म नहीं, बल्कि झारखंड की राजनीति और अस्मिता के एक स्वर्णिम अध्याय को सलाम करने का अवसर था।