जोहार हिंदुस्तान डेस्क | जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में गुरुवार को मचैल माता मंदिर के पास कुदरत ने कहर बरपाया। यहां बादल फटने से 17 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 लोगों को अब तक रेस्क्यू किया जा चुका है। हादसा हिमालय स्थित माता चंडी के मंदिर की यात्रा के दौरान चिशोती इलाके में हुआ। घटना की जानकारी मिलते ही राहत और बचाव दल मौके पर पहुंच गए और बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि चिशोती में हुई यह घटना काफी ज्यादा जनहानि का कारण बन सकती है। उन्होंने कहा कि प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया है और बचाव टीमें मौके पर रवाना कर दी गई हैं।
किश्तवाड़ में मौजूदा मौसम की स्थिति और चिशोती में बादल फटने से आई बाढ़ को देखते हुए पुलिस और जिला प्रशासन ने पूरे जिले में कंट्रोल रूम और हेल्प डेस्क एक्टिव कर दिए हैं। सभी सब-डिविज़न को हाई अलर्ट पर रखा गया है। आपात स्थिति से निपटने के लिए विशेष पुलिस टीमें तैनात की गई हैं, जो तुरंत कार्रवाई कर रही हैं।
आपदा के कारण
भारी बारिश
अचानक आई बाढ़ (फ्लैश फ्लड)
भूस्खलन
सड़कों पर आवाजाही बाधित होना
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने प्रभावित लोगों और तीर्थयात्रियों की मदद के लिए पड्डर में कंट्रोल रूम cum हेल्प डेस्क स्थापित किया है, जो चिशोती गांव से करीब 15 किलोमीटर दूर है। कंट्रोल रूम के लिए 4 अधिकारियों को ड्यूटी पर लगाया गया है।
सहायता नंबर
9858223125, 6006701934, 9797504078, 8492886895, 8493801381, 7006463710
जिला कंट्रोल रूम: 01995-259555, 9484217492
किश्तवाड़ पुलिस कंट्रोल रूम: 9906154100
शीर्ष नेतृत्व का शोक और संवेदना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने और बाढ़ से प्रभावित सभी लोगों के साथ हैं। स्थिति पर कड़ी नज़र रखी जा रही है। बचाव और राहत अभियान जारी है। ज़रूरतमंदों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।”
गृह मंत्री अमित शाह ने भी जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और एलजी से बात कर घटना की पूरी जानकारी ली और सभी तरह की मदद का भरोसा दिलाया।