जोहार हिंदुस्तान | झारखंड : लोहरदगा जिले का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल, सदर अस्पताल, की बदहाल व्यवस्था एक बार फिर से सुर्खियों में है। कैरो प्रखंड के एक गरीब आदिवासी परिवार को पिछले तीन दिनों से मात्र एक एक्स-रे कराने के लिए अस्पताल में दर-दर भटकना पड़ रहा है।
परिवार का कहना है कि घर का मुख्य कमाने वाला बेटा गंभीर रूप से बीमार है और पिछले एक सप्ताह से इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती है। आर्थिक रूप से बेहद कमजोर यह परिवार पहले से ही परेशानियों से घिरा था, लेकिन अब अस्पताल की लापरवाही ने उनकी मुसीबतें और बढ़ा दी हैं।
एक्स-रे मशीन का इनवर्टर खराब, मरीज परेशान
मरीज के परिजनों के अनुसार, सदर अस्पताल की एक्स-रे मशीन का इनवर्टर पिछले तीन दिनों से खराब पड़ा है, जिसके कारण किसी भी मरीज का एक्स-रे नहीं हो पा रहा है। नतीजतन, गंभीर मरीजों को भी जांच के लिए बाहर निजी क्लीनिकों का सहारा लेना पड़ रहा है, जो गरीबों के लिए आर्थिक रूप से असंभव है। वही पीड़ित मरीज की मां ने कहा उनके पास इतना पैसा नहीं है कि वो अपने बेटे का एक्स-रे बाहर से करा सके इसीलिए सदर अस्पताल के भरोसे ही बैठी है।
परिजनों की बेबसी
बीमार युवक की बुजुर्ग मां और बच्चे अस्पताल के गलियारों में एक्स-रे करवाने की आस में भटकते देखे गए। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रबंधन से मदद मांगने पर भी उन्हें सिर्फ टालमटोल भरे जवाब मिलते हैं।
अस्पताल प्रशासन चुप्पी साधे
मामले पर जब अस्पताल के संबंधित पदाधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। यह चुप्पी अस्पताल की लापरवाही और जिम्मेदारी से बचने का संकेत देती है।
सरकारी दावों पर सवाल
हर साल स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करने के सरकारी दावों के बावजूद, जिले के सबसे बड़े अस्पताल में एक साधारण जांच सुविधा का ठप होना गंभीर सवाल खड़े करता है। गरीब और दूरदराज के मरीजों के लिए यह स्थिति किसी त्रासदी से कम नहीं।