जोहार हिंदुस्तान : लोहरदगा जिले में सड़कों की बदहाली एक बार फिर सुर्खियों में है। जूरिया से तिगरा जाने वाला मुख्य मार्ग पूरी तरह कीचड़ और गड्ढों में तब्दील हो चुका है। हालात इतने खराब हैं कि यह सड़क अब खेत जैसी दिखने लगी है। विरोध में स्थानीय ग्रामीणों ने इसी सड़क पर धान की रोपनी कर दी — यह नज़ारा न केवल प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के प्रति गुस्से को बयां करता है, बल्कि क्षेत्र की बदहाली का जीवंत प्रमाण है।
जमीन पर हालात: सड़क या दलदल?
जूरिया से तिगरा जाने वाली यह सड़क लंबे समय से उपेक्षा का शिकार रही है। जगह-जगह भरे कीचड़ और बड़े-बड़े गड्ढों के कारण बाइक और पैदल चलना तक जोखिम भरा हो गया है। बारिश में यह स्थिति और भयावह हो जाती है, जहां पूरा रास्ता जलजमाव में डूब जाता है।
सड़क पर रोपनी — प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को जगाने की कोशिश
गांव वालों ने जब वर्षों की शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं देखी, तो उन्होंने अनूठे विरोध का रास्ता अपनाया। स्थानीय ग्रामीणों ने सड़क पर ही धान की रोपाई शुरू कर दी, यह दिखाने के लिए कि यह अब सड़क नहीं, “खेत” बन चुकी है।
प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा कि “जब सड़क मरम्मत नहीं हो रही है, तो बेहतर है कि हम इसमें धान ही बो दें।”
खतरे में स्वास्थ्य और जीवन
सिर्फ असुविधा ही नहीं, यह जर्जर सड़क स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए भी खतरा बन गई है। मरीजों को अस्पताल पहुंचाना मुश्किल हो गया है, स्कूल जाने वाले बच्चों को जोखिम उठाना पड़ता है, और आपातकाल में स्थिति बेहद चिंताजनक हो सकती है।