रांची/हज़ारीबाग़: झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) की परीक्षा में हर साल लाखों युवा किस्मत आज़माते हैं, लेकिन कुछ ही होते हैं जो अपने संघर्ष और मेहनत से इतिहास रचते हैं। राजेश रजक, जो कभी रांची की गलियों में एक डिलीवरी बॉय के रूप में काम करते थे, अब झारखंड प्रशासनिक सेवा में एक अफसर बन गए हैं। राजेश की कहानी सिर्फ एक परीक्षा पास करने की नहीं, बल्कि संघर्ष, तपस्या और दृढ़ निश्चय की मिसाल है। राजेश झारखंड के हजारीबाग़ ज़िले के बरकट्ठा प्रखंड के रहने वाले हैं। उनका परिवार आर्थिक रूप से बेहद कमजोर था। उनके पिता का निधन बहुत पहले हो चुका था। मां एक सरकारी स्कूल में रसोइया का काम करती हैं। एक भाई मुंबई में मज़दूरी करता है। राजेश खुद रांची में पढ़ाई के साथ-साथ डिलीवरी बॉय की नौकरी करते थे ताकि अपनी पढ़ाई, किराया और किताबों का खर्च उठा सकें। इन विषम परिस्थितियों में भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपने सपनों को ज़िंदा रखा। राजेश का दिन बहुत व्यस्त होता था सुबह से शाम तक डिलीवरी बॉय की नौकरी और फिर रात में कोचिंग और सेल्फ स्टडी। कभी-कभी उन्हें खाने के लिए पैसे नहीं होते थे, लेकिन उन्होंने कभी किताबों से मुंह नहीं मोड़ा। राजेश ने कहा: “सपने देखने से ज़्यादा ज़रूरी है, उन सपनों को पाने के लिए हर रोज़ मेहनत करना।” उन्होंने समय की कीमत को समझा और उसका बेहतर उपयोग करते हुए हर खाली पल में पढ़ाई की। राजेश ने झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) की परीक्षा पास कर न केवल अपने परिवार का नाम रोशन किया, बल्कि हज़ारीबाग और झारखंड के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं। उनकी यह सफलता दिखाती है कि अगर मन में विश्वास और मेहनत में दम हो तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है।
डिलीवरी बॉय से JPSC पास कर बने अफसर
रांची की सड़कों पर ऑर्डर डिलिवर करने वाले राजेश रजक ने JPSC परीक्षा में पाई सफलता, झारखंड का नाम रोशन किया
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