जोहार हिंदुस्तान | लातेहार : झारखंड पुलिस के लिए सोमवार का दिन बड़ी उपलब्धि लेकर आया। प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (जे.जे.एम.पी.) के शीर्ष 9 सक्रिय उग्रवादियों ने लातेहार समाहरणालय सभागार में पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। सभी ने समाज की मुख्यधारा में लौटने और हिंसा का रास्ता छोड़ने का संकल्प लिया।
पुलिस अभियान की बड़ी सफलता
झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति और लातेहार जिला पुलिस द्वारा लगातार चलाए जा रहे अभियान का यह बड़ा नतीजा है। आत्मसमर्पण करने वाले सभी उग्रवादी लंबे समय से पुलिस के लिए सिरदर्द बने हुए थे। सभी पर पुलिस ने इनाम घोषित कर रखा था। इनके खिलाफ हत्या, रंगदारी और विस्फोटक रखने जैसे कई गंभीर मामले दर्ज थे।
हथियार और गोला-बारूद किया जमा
आत्मसमर्पण के दौरान उग्रवादियों ने अपने पास मौजूद भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी पुलिस को सौंप दिया। इनमें आधुनिक राइफलें, कार्बाइन, पिस्टल और सैकड़ों राउंड जिंदा कारतूस शामिल हैं।
पुलिस और प्रशासन का बयान
लातेहार पुलिस अधिकारियों ने इसे बड़ी कामयाबी करार देते हुए कहा कि सरकार की उग्रवाद विरोधी नीति और सुरक्षा बलों की सख्त कार्रवाई के कारण अब जंगलों में सक्रिय उग्रवादियों का मनोबल टूट रहा है। अधिकारियों ने कहा कि यह आत्मसमर्पण इस बात का संकेत है कि अब उग्रवादी संगठन बिखर रहे हैं और युवा हिंसा छोड़कर शांति और विकास की राह चुन रहे हैं।
आत्मसमर्पण के बाद क्या होगा?
झारखंड सरकार की नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों को पुनर्वास योजना का लाभ मिलेगा। उन्हें समाज में दोबारा बसने और रोजगार पाने का अवसर दिया जाएगा। साथ ही, पुलिस ने अपील की है कि बाकी बचे उग्रवादी भी जल्द से जल्द हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटें।
लातेहार में जे.जे.एम.पी. उग्रवादियों का सामूहिक आत्मसमर्पण झारखंड पुलिस की बड़ी सफलता मानी जा रही है। इससे आने वाले समय में प्रदेश में उग्रवाद पर और काबू पाया जा सकेगा।