जोहार हिंदुस्तान | झारखंड / लोहरदगा : विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर जिला कांग्रेस कमिटी, लोहरदगा ने शनिवार को पुराना नगर भवन में एक सादगीपूर्ण और गरिमामय कार्यक्रम का आयोजन किया। आदिवासी गौरव, परंपरा और एकजुटता के संदेश के साथ यह कार्यक्रम जिले के विभिन्न प्रखंडों से आए प्रतिभागियों और अतिथियों की उपस्थिति में खास बन गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष सुखैर भगत ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. लोहरा उराँव (सेवानिवृत्त, बलदेव साहू महाविद्यालय) उपस्थित रहे। दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ, जिसके बाद जिले के विभिन्न प्रखंडों से आई नृत्य मंडलियों ने पारंपरिक गीतों और नृत्यों के माध्यम से समाज को जागरूक करने और संस्कृति संरक्षण का संदेश दिया।
डॉ. रामेश्वर उराँव का संबोधन.. विधायक डॉ. रामेश्वर उराँव ने कहा कि आदिवासी समाज का इतिहास बलिदान और संघर्ष से भरा है। शिक्षा, स्वास्थ्य और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा आज की सबसे बड़ी जरूरत है, और इसके लिए सभी को एक साथ आना होगा।
सुखैर भगत का संबोधन .. जिला अध्यक्ष सुखैर भगत ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि यह हमारे गौरव, संस्कृति और संघर्ष का प्रतीक है। उन्होंने जल, जंगल और जमीन की रक्षा को आदिवासी अस्मिता का आधार बताते हुए एकजुटता पर जोर दिया। उन्होंने स्व. शिबू सोरेन के संघर्ष को याद करते हुए शिक्षा, युवाओं में जागरूकता, नारी सशक्तिकरण और नशामुक्त समाज की दिशा में कदम बढ़ाने की अपील की।
रीना कुमारी भगत का संदेश.. जिला परिषद अध्यक्ष रीना कुमारी भगत ने आदिवासी महिलाओं को समाज की रीढ़ बताते हुए बेटियों की शिक्षा को प्राथमिकता देने और आधुनिकता के साथ परंपराओं को बचाने की अपील की।
राकेश किरण महतो का संबोधन… रांची जिला अध्यक्ष राकेश किरण महतो ने आदिवासी संस्कृति को विश्व की अमूल्य धरोहर बताते हुए इसके संरक्षण और युवाओं को रोजगार के नए अवसरों से जोड़ने पर जोर दिया।
प्रो. लोहरा उराँव का विचार… प्रो. लोहरा उराँव ने कहा कि आदिवासी समाज का प्रकृति के साथ जुड़ाव अद्वितीय है। शिक्षा, मातृभाषा और लोककला को संरक्षित रखते हुए ही विकास का रास्ता तय किया जा सकता है।
श्रद्धांजलि और धन्यवाद
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित लोगों ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
उपस्थित प्रमुख अतिथि और गणमान्य व्यक्ति
प्रो. लोहरा उराँव, डॉ. रामेश्वर उराँव, राकेश किरण महतो, नेसार अहमद, विनय उराँव, मोहन दुबे, विशाल डूंगड़ूग, प्रकाश उराँव, रीना कुमारी भगत, जुगल भगत, सैफ आलम, संगीता उराँव, विनोद सिंह खेरवार, सत्यदेव भगत, यूनुस अंसारी, अनिल उराँव, सेराजुल अंसारी, रामदेव उराँव, हमीद अंसारी, महताब अंसारी, रबिन्द्र सिंह खेरवार, नंदकिशोर शुक्ला, मुनीम अंसारी, रुस्तम अंसारी, सानियरों उराँव, परवेज आलम, अबुल कलाम अंसारी, मनौवर आलम सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे।