जोहार हिंदुस्तान | लातेहार : झारखंड की आधी आबादी को बरसों से जाम की पीड़ा दे रहे टोरी रेलवे क्रॉसिंग मुद्दे पर किसानों ने सोमवार को कफन और गिरगिट का नाटक प्रदर्शन किया। किसान अपने हाथों में कफन और गिरगिट की तस्वीर लिए हुए थे। इस व्यंग्यात्मक नाटक के जरिए उन्होंने नेताओं की वादाख़िलाफ़ी और जनता की रोजमर्रा की त्रासदी को उजागर किया।
कफन और गिरगिट से करारा व्यंग्य
प्रदर्शन में दिखाया गया कि कैसे रेलवे क्रॉसिंग पर जाम में फंसे एम्बुलेंस में मरीज दम तोड़ रहे हैं, लोगों को कफन ओढ़ाकर घर लौटना पड़ रहा है और नेता गिरगिट की तरह रंग बदलते हुए सिर्फ़ वादे कर रहे हैं। किसान नेता सह पंचायत समिति सदस्य अयुब खान ने कहा कि टोरी रेलवे क्रॉसिंग 24 घंटे मौत का जाल बनी हुई है। हर दिन घंटों जाम में लोग तड़पते हैं। कई बार मरीजों की जान यहीं पर चली गई। सरकार और नेता सिर्फ़ आश्वासन देते हैं, लेकिन फ्लाईओवर ब्रिज का काम अब तक शुरू नहीं हुआ।
चार साल बाद भी अधर में फ्लाईओवर का सपना
किसानों ने याद दिलाया कि 03 अप्रैल 2021 को फ्लाईओवर ब्रिज का शिलान्यास हुआ था। उस समय 43 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे। अब नई अनुमानित लागत 119 करोड़ पहुँच चुकी है, लेकिन टेंडर तक नहीं हुआ। फुटओवर ब्रिज और अंडरपास का काम भी अधूरा पड़ा है।
लोगों का कहना है कि
हर दिन ट्रेन गुज़रने पर घंटों जाम लगता है। कभी-कभी एक साथ 3–4 ट्रेनें आने से हालात और बिगड़ जाते हैं। मरीज, स्कूली बच्चे, कामकाजी लोग सब जाम में फँस जाते हैं। कई दशकों से हादसे हो रहे हैं, लेकिन किसी ठोस समाधान की दिशा में कदम नहीं उठाया गया।
किसानों की प्रमुख मांगें
किसानों ने स्टेशन अधीक्षक और अंचल निरीक्षक को ज्ञापन सौंपकर प्रधानमंत्री, रेल मंत्री, मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारियों तक अपनी आवाज़ पहुँचाई। उनकी प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं
टोरी-चंदवा एनएच 99 (न्यू 22) पर फ्लाईओवर ब्रिज का टेंडर कर कार्य तुरंत शुरू किया जाए।
टोरी स्टेशन के पश्चिम में बंद पड़े फुटओवर ब्रिज का कार्य चालू हो।
टोरी जंक्शन पर अंडरब्रिज और अन्य मार्गों पर अंडरपास का निर्माण किया जाए।
टोरी से बालुमाथ-शिवपुर तक एक्सप्रेस ट्रेन चलाई जाए।
टोरी से लोहरदगा-रांची तक प्रतिदिन शाम को नियमित ट्रेन सेवा शुरू की जाए।
स्टेशन आने-जाने के लिए यात्रियों को बेहतर आवागमन सुविधा दी जाए।
नेताओं की वादाख़िलाफ़ी पर सवाल
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि शिलान्यास के समय नेताओं ने वादा किया था कि जल्द ही जाम से मुक्ति मिलेगी। लेकिन चार साल बाद भी काम अधर में है। किसानों ने नेताओं पर व्यंग्य करते हुए कहा कि नेता रंग बदलने में गिरगिट को भी पीछे छोड़ देते हैं। चुनाव जीतने के बाद जनता से किए वादे हवा हो जाते हैं।
सैकड़ों महिला-पुरुषों की भागीदारी
इस नाटक और प्रदर्शन में किसान नेता अयुब खान, माकपा जिला सचिव रसीद मियां, सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र सिंह, ग्राम प्रधान पचु गंझु, ललन राम, सजेबूल खान, एहसान खान, रवि शंकर गंझु, ग्राम प्रधान मालती देवी, रानो देवी, सुनीता देवी समेत सैकड़ों महिला-पुरुष शामिल हुए।