जोहार हिंदुस्तान | नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 और 8 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने अब तक का सबसे बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा “वोट चोरी” और “ईवीएम में गड़बड़ी” के आरोपों ने राष्ट्रीय राजनीति में तूफान खड़ा कर दिया था। इसी पृष्ठभूमि में चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष, पारदर्शी और पूरी तरह नियंत्रित रखने के लिए रिकॉर्ड संख्या में केंद्रीय पर्यवेक्षक (Observers) तैनात किए हैं।

इतिहास में पहली बार इतने पर्यवेक्षक तैनात
चुनाव आयोग ने आधिकारिक प्रेस नोट जारी कर बताया कि पहले चरण के लिए 121 जनरल ऑब्जर्वर और 18 पुलिस ऑब्जर्वर तैनात वही दूसरे चरण में 122 जनरल ऑब्जर्वर और 20 पुलिस ऑब्जर्वर होंगे तैनात किए गए हैं। जबकि 8 विधानसभा उपचुनावों में भी 8 जनरल ऑब्जर्वर और 8 पुलिस ऑब्जर्वर की विशेष तैनाती की गई हैसभी पर्यवेक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने प्रभार क्षेत्रों में फील्ड विजिट करें और बूथ स्तर तक निगरानी रखें।
राहुल गांधी के आरोपों के बाद सख्त हुआ आयोग
देश में विपक्षी दलों ने लगातार यह आरोप लगाया कि देश में पिछली बार “जनादेश की चोरी” हुई थी। राहुल गांधी ने हाल ही में कहा था कि “अब वोट चोरी नहीं होने देंगे, जनता की आवाज को दबाने की कोशिश हो रही है।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इसी दबाव को देखते हुए चुनाव आयोग इस बार किसी भी प्रकार के राजनीतिक विवाद या वोटिंग सिस्टम पर सवाल उठने की गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहता।
चुनाव आयोग की सख्त गाइडलाइन
पर्यवेक्षक हर गतिविधि की वीडियो रिकॉर्डिंग करेंगे
बूथों पर तैनात अधिकारी सीधे आयोग को रिपोर्ट करेंगे, किसी राज्य प्रशासन के नियंत्रण में नहीं होंगे
राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की शिकायतों का तत्काल निपटारा होगा
मतदाताओं की सुविधा और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी
मतदान केंद्रों पर विशेष विजिट कर आयोग की पहल की सीधे निगरानी की जाएगी
चुनाव आयोग का बयान
ECI के उपनिदेशक पी. पवन ने कहा
“पर्यवेक्षकों को निर्देशित किया गया है कि वे निरंतर क्षेत्र में तैनात रहें, किसी भी अनियमितता की स्थिति में कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करें और यह सुनिश्चित करें कि मतदाताओं को बिना किसी बाधा के मतदान का अवसर मिले।”
चुनाव आयोग ने कहा है कि “हमारा उद्देश्य एक पारदर्शी, निष्पक्ष और स्तर playing field सुनिश्चित करना है ताकि लोकतंत्र पर किसी प्रकार का प्रश्नचिह्न न लगे।”
संभावित प्रभाव
फर्जी मतदान और बूथ कैप्चरिंग पर लगाम
नक्सल प्रभावित और संवेदनशील क्षेत्रों में कड़ी निगरानी
अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर बिहार चुनाव की विश्वसनीयता में वृद्धि
राहुल गांधी के आरोपों का सीधा जवाब माना जा रहा है यह कदम
