जोहार हिंदुस्तान | उत्तर प्रदेश : गाजीपुर जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) कार्यकर्ता सीताराम उपाध्याय, जो दिव्यांग थे, थाने में धरने पर बैठे थे। जानकारी के अनुसार वे कई अन्य लोगों के साथ थाने परिसर में अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण धरना दे रहे थे।
इसी दौरान अचानक बिजली कट गई और अंधेरे का फायदा उठाते हुए पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया। चश्मदीदों का कहना है कि दिव्यांग होने के कारण सीताराम उपाध्याय भाग नहीं पाए। पुलिस की लाठियों से उनके शरीर का शायद ही कोई हिस्सा बचा हो, जिस पर चोट के निशान न हों।
गंभीर चोटों के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। कई दिनों तक इलाज के बाद अंततः उनकी मौत हो गई। इस घटना ने स्थानीय स्तर पर पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
ग्रामीणों और कार्यकर्ताओं में आक्रोश व्याप्त है। उनका कहना है कि शांतिपूर्ण धरना देने वालों पर इस तरह की बर्बर कार्रवाई न केवल लोकतंत्र के खिलाफ है, बल्कि मानवाधिकारों का भी खुला उल्लंघन है।
परिजनों ने मांग की है कि जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई हो और दिवंगत कार्यकर्ता के परिवार को उचित मुआवजा मिले।
फिलहाल प्रशासनिक स्तर पर मामले की जांच की बात कही जा रही है, लेकिन स्थानीय लोगों का गुस्सा और पीड़ा साफ झलक रही है।