जोहार हिंदुस्तान | लोहरदगा : जिले में बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ विद्युत विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। जिले के सेन्हा थाना क्षेत्र में चलाए गए विशेष अभियान के दौरान विभागीय टीम ने चार लोगों को पकड़कर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई है। साथ ही बिजली चोरी में उपयोग किए जा रहे तार को मौके से ज़ब्त किया गया और भारी-भरकम जुर्माना भी ठोका गया। लोहरदगा में बिजली चोरी के मामलों पर की गई कार्रवाई यह संदेश देती है कि अब इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों पर सख्ती बरती जाएगी। विभाग ने साफ कर दिया है कि आगे भी इसी तरह अभियान चलाकर दोषियों को पकड़ने का काम जारी रहेगा।
इस कार्रवाई का नेतृत्व जिला सहायक विद्युत अभियंता अज्जू कश्यप ने किया। उनके साथ विभागीय कर्मियों ने मिलकर यह अभियान संचालित किया।
किस पर कितना जुर्माना लगा?
बिजली चोरी पकड़े जाने पर विभाग ने चार लोगों से लगभग 80 हजार रुपया का जुर्माना वसूलने की प्रक्रिया शुरू की है। जुर्माना लगाने वालों की सूची इस प्रकार है:
1. नवीन सोनी (पिता: नवंबर सोनी, निवासी: कंडरा बूटी रोड) → 15,652 का फाइन।
2. कविता पांडे (पति: गोवर्धन नाथ पांडे, निवासी: कोराम्बे) → 27,390 का फाइन।
3. लक्ष्मी देवी (पति: अशोक नायक) → 19,564 का फाइन।
4. सूरज नायक (पिता: शंकर नायक) → 15,652 का फाइन।
कार्रवाई के दौरान चारों मामलों में बिजली चोरी कर अवैध रूप से ऊर्जा का उपयोग करने की पुष्टि हुई। मौके पर विभाग ने कनेक्शन काटते हुए चोरी में उपयोग किए गए तार को जब्त कर लिया।
कानूनी कार्रवाई और धाराएं
सहायक विद्युत अभियंता अज्जू कश्यप के लिखित बयान पर सेन्हा थाना में मामला दर्ज कराया गया है।
चारों के खिलाफ भारतीय विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135/137 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। इन धाराओं के तहत ऊर्जा चोरी एक संज्ञेय अपराध है और दोषी पाए जाने पर जुर्माना, जेल या दोनों की सज़ा का प्रावधान है।
विभाग की सख़्त चेतावनी
मामले पर जिला सहायक विद्युत अभियंता अज्जू कश्यप ने साफ कहा है कि ऊर्जा चोरी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बार-बार चेतावनी देने के बावजूद लोग चोरी से बिजली का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसके कारण राज्य को राजस्व की भारी क्षति हो रही है। अब लगातार जिला भर में अभियान चलाकर बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बिजली चोरी से नुकसान कौन उठाता है?
विशेषज्ञों का मानना है कि बिजली चोरी का सबसे बड़ा नुकसान आम उपभोक्ता को उठाना पड़ता है।
चोरी से वोल्टेज पर असर पड़ता है और सही बिल भरने वाले उपभोक्ताओं को ठीक से बिजली नहीं मिल पाती।
राज्य सरकार को भारी राजस्व नुकसान होता है।
बिजली विभाग पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है, जिससे बिजली व्यवस्था चरमराने लगती है।