जोहार हिंदुस्तान | लोहरदगा: कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी का पुराना इतिहास रहा है, खासकर लोहरदगा में। विधानसभा चुनाव हो, लोकसभा चुनाव या फिर पार्टी और संगठन के किसी भी बड़े कार्यक्रम का मौका—समय-समय पर कांग्रेस की आंतरिक खींचतान खुलकर सामने आती रही है।
लेकिन इस बार तस्वीर कुछ अलग है। 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले कांग्रेस पार्टी के कार्यक्रम के लिए शहरभर में लगाए गए पोस्टर और बैनरों में वर्षों बाद कांग्रेस के तीन बड़े चेहरों को एक साथ, एक ही आकार में जगह दी गई है।
इन पोस्टरों में लोहरदगा लोकसभा सांसद सुखदेव भगत, लोहरदगा विधायक डॉ. रामेश्वर उरांव और पूर्व राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू की तस्वीरें एक साथ नज़र आ रही हैं। यह नज़ारा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए किसी सुखद आश्चर्य से कम नहीं है, क्योंकि लंबे समय से इन नेताओं की तस्वीरें एक साथ किसी पोस्टर पर नहीं दिखी थीं।
स्थानीय कार्यकर्ताओं का कहना है कि—”कई सालों बाद कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को एकजुट देखना राहत की बात है, हालांकि असली एकजुटता है या नहीं, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।”
लोहरदगा कांग्रेस की आंतरिक राजनीति की बात करें तो यहां चार गुट सक्रिय हैं—जिनमें से तीन गुट इन तीनों दिग्गज नेताओं के नाम से पहचाने जाते हैं, जबकि चौथा गुट सिर्फ कांग्रेस पार्टी और उसकी विचारधारा के प्रति समर्पित कार्यकर्ताओं का है, जिसे किसी भी गुटबाजी से कोई लेना-देना नहीं है।
कांग्रेस के इन दिग्गजों की एकजुट तस्वीर आने वाले समय में पार्टी के लिए सकारात्मक संदेश लेकर आएगी या यह सिर्फ एक पोस्टर तक ही सीमित रह जाएगी—यह देखना दिलचस्प होगा।