जोहार हिंदुस्तान | लोहरदगा : झारखंड का नाम एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर रोशन होने जा रहा है। लोहरदगा जिले के युवा प्रतिनिधि शाश्वत सिद्धार्थ को थाईलैंड के बैंकॉक में होने वाले पाँचवें अंतर्राष्ट्रीय युवा सम्मेलन (21–22 अगस्त 2025) में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया है। यह सम्मेलन दुनिया भर के चुनिंदा युवा नेताओं, नवाचारकर्मियों और परिवर्तनकर्मियों का सबसे बड़ा वैश्विक मंच माना जाता है।
कांग्रेस सांसद के पुत्र की ऐतिहासिक उपलब्धि
शाश्वत सिद्धार्थ कोई साधारण युवा नहीं हैं। वे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और झारखंड के लोहरदगा लोकसभा सीट से सांसद सुखदेव भगत के पुत्र हैं। पिता की राजनीतिक और सामाजिक पृष्ठभूमि ने उन्हें बचपन से ही समाज की समस्याओं को गहराई से समझने और बदलाव लाने की प्रेरणा दी है।
वैश्विक मंच पर आदिवासी समाज की दहाड़
शाश्वत सिद्धार्थ ने कहा..
“यह सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि लोहरदगा और पूरे आदिवासी समाज की जीत है। हमारी संस्कृति, हमारी जिजीविषा और हमारे सपनों को मैं दुनिया के सामने रखूंगा, ताकि आदिवासी समाज और झारखंड का नाम विश्व पटल पर और अधिक चमके।”
सम्मेलन में क्या होगा खास?
इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में दुनिया भर से आए युवा शिक्षा, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, सामाजिक न्याय, समानता और नेतृत्व जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे। शाश्वत न केवल आदिवासी समाज की आवाज़ रखेंगे बल्कि यह दिखाएँगे कि झारखंड का युवा किस तरह वैश्विक समस्याओं का हिस्सा बनकर समाधान का रास्ता खोज सकता है।
लोहरदगा के लिए ऐतिहासिक अवसर
स्थानीय नेताओं, बुद्धिजीवियों और युवाओं ने शाश्वत की इस उपलब्धि को ऐतिहासिक बताया है। उनका कहना है कि यह उपलब्धि न केवल लोहरदगा बल्कि पूरे झारखंड और भारत के आदिवासी युवाओं की आवाज़ को दुनिया तक पहुँचाएगी।
सांसद प्रतिनिधि ने कहा..
“यह गौरव का क्षण है। शाश्वत की उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी कि सपने सिर्फ देखे नहीं जाते, उन्हें पूरा भी किया जा सकता है।”
युवाओं के लिए संदेश
शाश्वत ने कहा..
“यह उपलब्धि लोहरदगा के हर उस युवा की है जो सपने देखता है। मेरा संकल्प है कि इस मंच से लौटने के बाद मैं नए अवसर, साझेदारी और विचार लेकर आऊँ और इन्हें अपने समाज के विकास में लगाऊँ। साथ ही दूसरों को भी अंतर्राष्ट्रीय मंच तक पहुँचने के लिए प्रेरित करूँ।”
कौन हैं शाश्वत सिद्धार्थ?
शाश्वत सिद्धार्थ झारखंड के लोहरदगा लोकसभा से कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत के पुत्र और एक युवा प्रतिनिधि हैं। वे लंबे समय से समावेशी विकास, शिक्षा और आदिवासी युवाओं के नेतृत्व के लिए काम कर रहे हैं। वे अपने पिता की तरह समाज और संस्कृति को वैश्विक मंच पर पहुँचाने के लिए सक्रिय रूप से प्रयासरत हैं। शाश्वत की पहचान उस आवाज़ के रूप में है, जो भारत की आदिवासी संस्कृति की विविधता और मौलिकता को उजागर करने का कार्य कर रही है।