जोहार हिंदुस्तान | पटना : बिहार की सियासत इन दिनों राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा से सरगर्म है। यात्रा को जिस तरह का जनसमर्थन मिल रहा है, उसने न केवल इंडिया गठबंधन बल्कि खुद कांग्रेस नेतृत्व को भी चौंका दिया है। पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आम मतदाता भी भारी संख्या में राहुल गांधी के समर्थन में सड़कों पर उमड़ रहे हैं।
गांव-गांव और शहर-शहर में यात्रा का काफिला पहुंचते ही लोग कई किलोमीटर तक सड़क किनारे खड़े होकर राहुल गांधी का इंतजार करते नजर आते हैं। बुजुर्ग, महिलाएं और युवा—सभी अपने-अपने अंदाज में राहुल गांधी का स्वागत कर रहे हैं। कहीं फूल-मालाओं से अभिनंदन हो रहा है तो कहीं ढोल-नगाड़ों और पारंपरिक नृत्य से वातावरण गूंज रहा है।
40 साल में पहली बार दिखा ऐसा जनसैलाब
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पिछले चार दशकों में बिहार की राजनीति में किसी भी दल या नेता की यात्रा को इतना जबरदस्त जन समर्थन नहीं मिला। जेपी आंदोलन के बाद इतनी बड़ी संख्या में जनता का स्वतः जुड़ाव शायद पहली बार देखा जा रहा है।
यात्रा में शामिल लोगों का कहना है कि राहुल गांधी जिस वोटर अधिकार की बात कर रहे हैं, वह सीधे तौर पर गरीब, किसान, मजदूर और युवाओं के दिल को छू रही है। यही वजह है कि यह यात्रा सिर्फ राजनीतिक नहीं बल्कि जनआंदोलन जैसी होती जा रही है।
कांग्रेस को भी नहीं था इतना समर्थन मिलने का अंदाजा
बिहार में कांग्रेस की जमीन पहले कमजोर मानी जाती थी। पार्टी खुद भी यहां इतनी लोकप्रियता की उम्मीद नहीं कर रही थी। लेकिन इस यात्रा ने सभी पुराने राजनीतिक समीकरण बदल दिए हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि बिहार में राहुल गांधी को इतना अभूतपूर्व समर्थन मिलेगा।
युवाओं और महिलाओं का उत्साह
युवा मतदाता बेरोजगारी और पलायन की समस्या को लेकर राहुल गांधी से उम्मीदें जोड़ रहे हैं।
महिलाएं महंगाई और सामाजिक सुरक्षा की गारंटी के लिए उनके साथ खड़ी दिख रही हैं।
बुजुर्ग मतदाता इसे कांग्रेस की “नई शुरुआत” मान रहे हैं।
कई कॉलेजों और यूनिवर्सिटी के छात्र यात्रा में शामिल होकर यह संदेश दे रहे हैं कि वे राजनीति में नए विकल्प को अपनाने के लिए तैयार हैं।
विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा असर
विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर यही रफ्तार जारी रही तो वोटर अधिकार यात्रा आने वाले विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक परिणाम दे सकती है। राहुल गांधी का यह अभियान सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, बल्कि पूरे इंडिया गठबंधन को मजबूती देने वाला साबित हो सकता है।
यात्रा को मिल रहे जनसमर्थन ने विपक्षी दलों की नींद उड़ा दी है। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि बिहार में सत्ता परिवर्तन की बयार चल पड़ी है और यह यात्रा कांग्रेस के लिए “पुनर्जन्म” की तरह साबित हो सकती है।
वोटर अधिकार यात्रा ने बिहार की राजनीति को नई दिशा दे दी है। जनता इसे अपनी आवाज़ और अपनी लड़ाई मान रही है। यही वजह है कि राहुल गांधी की यह यात्रा धीरे-धीरे एक ऐतिहासिक आंदोलन का रूप लेती जा रही है।