केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता नितिन गडकरी ने नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में बेहद तीखे और स्पष्ट शब्दों में राजनीति और सरकारी तंत्र की सीमाओं पर खुलकर बात की।
उन्होंने कहा कि “राजनीति नशे की तरह होती है, और जब आदमी नशे में होता है तो उसकी विचार करने की शक्ति समाप्त हो जाती है।”
गडकरी ‘स्पोर्ट्स एज ए करियर’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे, जहां उन्होंने अपने चार वर्षों के अनुभव साझा करते हुए सरकार और तंत्र की कार्यप्रणाली पर खुली टिप्पणी की।
सरकार को बताया “निकम्मी”, कॉर्पोरेशन पर उठाए सवाल
गडकरी ने कहा,
“मेरी बहुत इच्छा है कि नागपुर में 300 स्पोर्ट्स स्टेडियम बनवाऊं, लेकिन चार साल के अनुभव के बाद समझ में आया कि सरकार एक निकम्मी चीज होती है। कॉर्पोरेशन के भरोसे कोई काम नहीं होता। ये लोग चलती गाड़ी को भी पंक्चर करने का हुनर रखते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई विकास करना चाहता है तो केवल सरकारी सिस्टम के भरोसे नहीं बैठा जा सकता।
सरकार विषकन्या होती है गडकरी चौंकाने वाला बयान
नितिन गडकरी ने सरकार की भूमिका पर कटाक्ष करते हुए कहा,
“मेरा मानना है कि किसी भी पार्टी की सरकार हो, सरकार को दूर रखो। सरकार विषकन्या होती है, जिसके साथ जाती है उसे डुबो देती है।”
उनके इस बयान को राजनीतिक हलकों में बड़े संदेश के रूप में देखा जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब लोकसभा चुनाव के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन को लेकर मतभेद की चर्चाएं तेज़ हैं।
अच्छे दिन में सब साथ, बुरे समय में कोई नहीं पूछता
गडकरी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब आपके अच्छे दिन होते हैं, तब हर कोई आपकी तारीफ करता है, लेकिन जब समय खराब आता है तो कोई हाल भी नहीं पूछता।