जोहार हिंदुस्तान डेस्क| नई दिल्ली : दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सत्येंद्र जैन को बड़ी राहत मिली है। CBI ने उनके खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के मामले को बंद कर दिया है। करीब चार साल की लंबी जांच के बाद, जांच एजेंसी ने कोर्ट को सूचित किया कि उन्हें इस मामले में कोई ठोस सबूत नहीं मिला।
क्या था आरोप?
सत्येंद्र जैन पर आरोप था कि उन्होंने दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (PWD) में आउटसोर्सिंग के माध्यम से 17 सलाहकारों की नियुक्ति की, जिससे कथित रूप से सरकारी भर्ती प्रक्रिया का उल्लंघन हुआ। विपक्ष ने इसे भ्रष्टाचार बताते हुए गंभीर सवाल उठाए थे।
CBI की जांच में क्या निकला?
CBI की चार साल लंबी जांच में यह सामने आया कि सभी नियुक्तियां प्रक्रिया के तहत और पारदर्शी तरीके से की गई थीं। उस समय विभाग में तकनीकी विशेषज्ञों और पेशेवरों की जरूरत थी। कोई निजी लाभ या घोटाले के संकेत नहीं मिले। इसके आधार पर CBI ने कोर्ट में क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल करते हुए केस को बंद करने की सिफारिश की।
AAP का केंद्र पर हमला, कहा— ‘राजनीतिक साज़िश थी’
CBI की इस क्लीन चिट के बाद आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार और भाजपा पर तीखा हमला बोला है। पार्टी प्रवक्ताओं का कहना है कि… “यह पूरा मामला एक राजनीतिक साज़िश थी, जिसका मकसद आम आदमी पार्टी की छवि खराब करना था। लेकिन सच को कोई दबा नहीं सकता।”
सत्येंद्र जैन बोले— ‘सच की जीत हुई’
खुद सत्येंद्र जैन ने एक बयान जारी कर कहा.. “CBI की रिपोर्ट ने साफ कर दिया है कि मैंने कोई ग़लत काम नहीं किया था। ये राजनीतिक बदले की भावना से चलाया गया केस था। आज सच की जीत हुई है।”
अब सवाल उठता है कि नेताओं की छवि खराब करने वालों पर क्या कार्रवाई होगी?
जो भी हो, CBI की क्लीन चिट ने एक बार फिर इस बहस को हवा दे दी है कि क्या जांच एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार की तरह किया जा रहा है।