जोहार हिंदुस्तान | झारखंड के बहुचर्चित नीरज सिंह हत्याकांड में 8 साल बाद अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। धनबाद के पूर्व विधायक संजीव सिंह समेत सभी आरोपियों को बुधवार को कोर्ट ने बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष प्रस्तुत सबूतों और गवाहों के आधार पर आरोप साबित करने में असफल रहा।
नीरज सिंह हत्याकांड में आया यह फैसला झारखंड की राजनीति और समाज में नई हलचल पैदा कर रहा है। जहां संजीव सिंह को मिली राहत ने उनके खेमे में खुशी फैलाई है, वहीं नीरज सिंह समर्थक इसे अधूरा न्याय मान रहे हैं।
2017 का सबसे बड़ा शूटआउट
21 मार्च 2017 को धनबाद के सरायढेला इलाके में हुए इस शूटआउट ने पूरे झारखंड को हिला दिया था। उस दिन धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर और कांग्रेस नेता नीरज सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हमले में उनके दो अंगरक्षक और ड्राइवर समेत कुल चार लोगों की मौत हो गई थी। घटना को वासेपुर गैंगवार और राजनीतिक वर्चस्व से भी जोड़ा गया था।
8 साल की लंबी सुनवाई
इस केस में करीब 8 साल तक अदालती कार्यवाही चली। कुल 408 तारीखों पर सुनवाई हुई। दर्जनों गवाहों और सबूतों की जांच के बाद आखिरकार 27 अगस्त 2025 को अदालत ने अपना अंतिम फैसला सुनाया। अदालत ने संजीव सिंह समेत सभी आरोपियों को आरोपमुक्त कर दिया।
फैसले पर प्रतिक्रियाएँ
फैसले के बाद संजीव सिंह के समर्थकों में जश्न का माहौल है, वे इसे “न्याय की जीत” बता रहे हैं। वहीं, नीरज सिंह के परिवार और समर्थकों ने इस फैसले पर निराशा जताई और कहा कि वे आगे की कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। धनबाद की राजनीति में यह फैसला नए समीकरण भी खड़ा कर सकता है।
क्यों चर्चित रहा यह केस?
धनबाद का सबसे हाई-प्रोफाइल मर्डर केस।
चचेरे भाइयों के बीच राजनीतिक वर्चस्व की जंग।
सीबीआई जांच की मांग भी उठी थी।
8 साल तक चली लंबी अदालती कार्यवाही, 400 से ज्यादा तारीखें।