जोहार हिंदुस्तान | पटना : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति ने नया मोड़ ले लिया है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) को इंडिया गठबंधन में शामिल करने की मांग अब खुलकर सामने आने लगी है। इसी सिलसिले में बिहार के 24 सामाजिक और धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से मुलाकात की और एक मांग पत्र सौंपा।
ओवैसी पर भरोसा जताया
प्रतिनिधियों ने अपने मांग पत्र में कहा कि असदुद्दीन ओवैसी और उनकी पार्टी लगातार संविधान विरोधी शक्तियों से लड़ रही है और बिना किसी भेदभाव के देशहित व सेकुलरिज़्म की आवाज़ को मज़बूती से उठा रही है। ऐसे में बिहार में इंडिया गठबंधन को मजबूत बनाने के लिए AIMIM को शामिल करना जरूरी है।
वोटों के बिखराव का डर
संगठनों ने यह भी स्पष्ट किया कि बिहार की बड़ी आबादी असदुद्दीन ओवैसी के साथ है। अगर AIMIM गठबंधन का हिस्सा नहीं बनती तो वोटों का बिखराव होगा और सीधा नुकसान इंडिया गठबंधन को झेलना पड़ेगा। AIMIM समर्थक भी नहीं चाहते कि बिहार चुनाव में विपक्षी वोट बंटकर भाजपा-एनडीए को फायदा पहुँचे।
राहुल गांधी को सौंपा गया मांग पत्र
मुलाकात के दौरान प्रतिनिधियों ने राहुल गांधी को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि ओवैसी को गठबंधन में शामिल करने से न सिर्फ अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्गों का विश्वास बढ़ेगा, बल्कि बिहार की सियासत में इंडिया गठबंधन की स्थिति और मजबूत होगी।
गठबंधन की राजनीति में नया समीकरण?
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि इस मांग से बिहार में गठबंधन की राजनीति में नया समीकरण बन सकता है। ओवैसी की पार्टी का राज्य में खासकर सीमांचल इलाकों में अच्छा प्रभाव है। यदि AIMIM को गठबंधन में जगह मिलती है तो इसका सीधा असर कई सीटों पर देखने को मिल सकता है।