जोहार हिंदुस्तान | पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में सीमांचल के विधानसभा क्षेत्र की चार सीटों जोकीहाट से शाहनवाज़ आलम, बहादुरगंज से अंज़ार नईमी, बायसी से रुकनुद्दीन अहमद, कोचाधामन से इज़हार असफि ने 2020 बिहार विधानसभा के चुनाव में AIMIM के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। इन नेताओं ने चुनाव जीतने के बाद AIMIM और उसके अध्यक्ष बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी का साथ छोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का दामन थाम लिया।
अब, जैसे-जैसे 2025 के विधानसभा चुनाव करीब आ रहे हैं, ये नेता एक बार फिर अपने-अपने क्षेत्रों में जनसंपर्क के लिए निकल रहे हैं, लेकिन इस बार जनता का रुख उनके प्रति बेहद नाराज़गी भरा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जिन्होंने मुसलमानों के हक़ और अधिकार की आवाज़ उठाने वाले असदुद्दीन ओवैसी के साथ गद्दारी की, वे किसी के भी साथ विश्वासघात कर सकते हैं।
जनता खुले तौर पर कह रही है.. “आपने जब हमारी आवाज़ उठाने वाली पार्टी से ही गद्दारी कर दी, तो हम आप पर दोबारा कैसे भरोसा करें? इस बार हम फिर से AIMIM के उम्मीदवार को ही जीत दिलाएंगे।”
चुनाव प्रचार के दौरान कई जगहों पर इन पूर्व विधायकों को लोगों के गुस्से और खरी-खोटी का सामना करना पड़ा। भीड़ में से लोग AIMIM छोड़ने के फैसले पर सवाल उठाते रहे और जवाब मांगते रहे। राजनीतिक माहौल को देखते हुए स्थानीय विश्लेषक भी मान रहे हैं कि इस बार इन नेताओं की राह बेहद कठिन है, और हार लगभग तय मानी जा रही है।
यह पूरा घटनाक्रम सीमांचल की राजनीति में AIMIM के मजबूत जनाधार और मतदाताओं की राजनीतिक वफादारी को एक बार फिर उजागर करता है।