जोहार हिंदुस्तान | नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए स्पष्ट कर दिया है कि अब आधार कार्ड को जन्म तिथि या जन्म प्रमाण पत्र के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस संबंध में नियोजन विभाग के विशेष सचिव अमित सिंह बंसल ने 24 नवंबर 2025 को सभी विभागों को आधिकारिक पत्र जारी किया है।
क्या कहा गया है आदेश में?
नियोजन विभाग को UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) की ओर से निर्देश प्राप्त हुए हैं कि
आधार कार्ड नागरिक की उम्र या जन्म तिथि का ठोस प्रमाण नहीं है।
UIDAI ने यह भी साफ किया कि आधार में दर्ज जन्म तिथि केवल “घोषित / अनुमानित” (Declared/Estimated) मानी जाती है, इसलिए इसे किसी भी सरकारी प्रक्रिया में जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।

सभी विभागों को भेजे गए निर्देश
पत्र में कहा गया है कि सभी सरकारी विभाग यह सुनिश्चित करें कि किसी भी आवेदन, नियुक्ति, सेवा सत्यापन या दस्तावेज़ जांच प्रक्रिया में आधार कार्ड को जन्म तिथि का प्रमाण न माना जाए।
संबंधित विभागों के अधिकारियों को इस नए नियम के अनुपालन हेतु निर्देशित किया जाए।
क्यों लिया गया यह फैसला?
UIDAI ने स्पष्ट किया है कि आधार कार्ड पहचान (Identity) का दस्तावेज़ है। यह जन्म तिथि या आयु प्रमाणित करने वाला सरकारी दस्तावेज़ नहीं है।
कई लोगों के आधार में जन्म तिथि आधार अपडेट के दौरान बदली/संशोधित की गई होती है, इसलिए इसे विश्वसनीय जन्म प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
किन दस्तावेज़ों को माना जाएगा जन्म तिथि का सही प्रमाण?
सरकारी प्रक्रिया में जन्म तिथि साबित करने के लिए मुख्य दस्तावेज़ होंगे।
जन्म प्रमाण पत्र (Birth Certificate)
हाई स्कूल / समकक्ष परीक्षा प्रमाण पत्र
सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज जन्म तिथि वाले प्रमाण
