जोहार हिंदुस्तान | पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में AIMIM की पहली सूची जारी होने के साथ ही चुनावी हवा का रुख बदलता नज़र आ रहा है। AIMIM का सीधा प्रभाव सीमांचल, मगध और मिथिलांचल के उन इलाकों में पड़ेगा जहां अल्पसंख्यक, अति पिछड़ा और दलित वोटरों की संख्या निर्णायक है। यह वही इलाका है जहां पिछले चुनाव में महागठबंधन और NDA के बीच कड़ा मुकाबला रहा।
AIMIM की पहली प्रत्याशी सूची (कुल 24 उम्मीदवार)
क्रमांक विधानसभा सीट सीट संख्या उम्मीदवार का नाम एवं पदनाम
1 अमौर 56 अख्तरुल इमान (AIMIM बिहार प्रदेश अध्यक्ष)
2 बलरामपुर 65 एडवोकेट आदिल हसन
3 ढाका 21 श्री राणा रंजीत सिंह
4 नरकटिया 12 श्री शमीमुल हक
5 गोपालगंज 101 श्री अनस सलाम
6 जोकीहाट 50 श्री मुर्शिद आलम
7 बहादुरगंज 52 श्री तौसीफ आलम
8 ठाकुरगंज 53 श्री ग़ुलाम हसनैन
9 किशनगंज 54 एडवोकेट शम्स आगाज़
10 बैसी 57 श्री ग़ुलाम सरवर
11 शेरघाटी 226 श्री शान ए अली खान
12 नाथनगर 158 श्री इस्माइल अंसारी
13 सीवान 105 श्री मोहम्मद कैफ
14 केवटी 86 श्री अनीसुर रहमान
15 जाले 87 फैसल रहमान
16 सिकंदरा 240 श्री मनोज कुमार दास
17 मुंगेर 165 डॉ. मुनाज़िर हसन
18 नवादा 237 श्रीमती नसीमा खातून
19 मधुबनी 36 श्री राशिद खलील अंसारी
20 दरभंगा ग्रामीण 82 श्री मोहम्मद जलाल
21 गोराबाराम 79 अख्तर शाहंशाह
22 क़स्बा 58 शहनवाज़ आलम
23 अररिया 49 श्री मोहम्मद मंज़ूर आलम
24 बरारी 68 मोहम्मद मतीउर रहमान शेरशहबादी
पिछले चुनाव के परिणामों का संदर्भ
2020 में AIMIM ने 5 सीटें जीती थीं, जिनमें से अधिकतर सीमांचल क्षेत्र की थीं। बाद में पार्टी को नुकसान हुआ क्योंकि 4 विधायक RJD में शामिल हो गए।
2025 में AIMIM फिर आक्रामक तरीके से चुनावी मैदान में उतरी है और उसका लक्ष्य कम से कम 20 सीटों पर निर्णायक प्रभाव बनाना है।
किसे होगा नुकसान?
AIMIM की मजबूत पकड़ वाले क्षेत्र और प्रभावित दल
सीमांचल किशनगंज, अररिया, अमौर, बहादुरगंज RJD, कांग्रेस
मगध शेरघाटी, सिकंदरा JDU और HAM
मिथिलांचल दरभंगा, मधुबनी BJP और VIP
गंगा पार इलाका मुंगेर, नवादा JDU, RJD दोनों को झटका
AIMIM के आने से महागठबंधन वोटों का सीधा बंटवारा हो सकता है। NDA को भी मुस्लिम-पिछड़ा बहुल सीटों पर अपनी रणनीति दोबारा सोचनी पड़ेगी।
कौन होगा किंगमेकर?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर चुनाव त्रिकोणीय होता है, तो AIMIM किंगमेकर की भूमिका निभाएगी। पार्टी का वोट प्रतिशत अगर 6-8% तक पहुंच गया तो सरकार बनाने के लिए किसी भी बड़े दल को AIMIM का समर्थन लेना पड़ सकता है।
AIMIM की चुनावी रणनीति
लक्ष्य – “सिर्फ विरोध नहीं, सत्ता में हिस्सेदारी”
फोकस – युवाओं को टिकट, स्थानीय मुद्दों को केंद्र में रखना
चुनावी नारा – “जिन्होंने हमें 75 साल तक अनदेखा किया, अब हम अपना हक खुद लेंगे”
AIMIM के लिए मजबूत संभावित सीटें
अमौर, बहादुरगंज, किशनगंज, ठाकुरगंज, बैसी – इन पांच सीटों पर AIMIM की पकड़ काफी मजबूत बताई जा रही है। वही सिकंदरा, मुंगेर और दरभंगा ग्रामीण में त्रिकोणीय मुकाबला। जबकि नवादा और अररिया में AIMIM पहली बार जोरदार चुनौती दे रही है।
