जोहार हिंदुस्तान | रायपुर: छत्तीसगढ़ के दंडकारण्य क्षेत्र में एक ऐतिहासिक घटनाक्रम में 208 नक्सलियों ने अपने हथियार छोड़कर आत्मसमर्पण किया है। इन आत्मसमर्पण करने वालों में 110 महिलाएं और 98 पुरुष शामिल हैं। आत्मसमर्पणकर्ता कुल 153 हथियारों के साथ सुसज्जित थे, जिनमें AK-47 राइफल, INSAS राइफल, .303 राइफल सहित अन्य लघु और बड़े हथियार शामिल हैं। आत्मसमर्पण की यह घटना 17 अक्टूबर 2025 को हुई, जब नक्सली मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लेकर पुलिस के सामने आए।
अत्याधुनिक हथियार पुलिस को सौप
हथियारों में 19 AK-47, 23 INSAS राइफल, 17 SLR राइफल, 36 .303 राइफल, 4 कार्बाइन, 11 BGL लॉन्चर, 41 सिंगल-शॉट/12-बोर गन, एक पिस्टल और एक INSAS LMG शामिल थे।
आत्मसमर्पणकर्ताओं में नक्सली संगठन के कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं जिनमें — Central Committee Member, Dandakaranya Special Zonal Committee (DKSZC), Regional Committee Member, Area Committee Members और Divisional Committee Members की उपस्थिति दर्ज की गई है।
सरकार और अधिकारियों की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस आत्मसमर्पण को “इतिहास में दर्ज होने वाले दिन” बताया है और कहा कि अबूझमाड़ व उत्तर बस्तर इलाके नक्सलवाद से लगभग मुक्त घोषित किए जा सकते हैं।
नक्सल उन्मूलन और पुनर्वास नीति-2025 की सफलता के तौर पर इस घटना को देखा जा रहा है। सरकार ने यह आश्वासन दिया है कि आत्मसमर्पण करने वालों को पुनर्वास योजनाओं का लाभ मिलेगा।
यह आत्मसमर्पण दंडकारण्य और उत्तर बस्तर में नक्सल प्रभाव को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। हथियारों की इतनी बड़ी संख्या के साथ इस प्रकार का आत्मसमर्पण यह संकेत देता है कि नक्सल आंदोलन कमजोर हो रहा है। अब इस शांति के प्रसार और विकास के लिए राज्य सरकार और केंद्र को मिलकर पुनर्वास, पुनर्निर्माण और सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।
