जोहार हिंदुस्तान | पटना : बिहार की राजनीति में चुनावी सरगर्मी तेज होते ही सियासी समीकरण भी तेजी से बदल रहे हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नामांकन प्रक्रिया शुरू होने से पहले जेडीयू (जनता दल यूनाइटेड) और एलजेपी (लोक जनशक्ति पार्टी) दोनों को बड़ा झटका दिया है।
तेजस्वी यादव की मौजूदगी में कई दिग्गज नेताओं ने पार्टी छोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की सदस्यता ग्रहण की। इस घटना को जेडीयू के लिए अब तक का सबसे बड़ा नुकसान बताया जा रहा है।
जेडीयू और एलजेपी से टूटकर आरजेडी में शामिल हुए बड़े नाम
तेजस्वी यादव की रणनीति के तहत आरजेडी में शामिल होने वाले नेताओं की सूची इस प्रकार है। संतोष कुशवाहा – पूर्व सांसद, चाणक्य प्रकाश – जेडीयू सांसद के पुत्र, राहुल शर्मा – पूर्व विधायक, अजय कुशवाहा – एलजेपी के वरिष्ठ नेता इन सभी नेताओं ने पार्टी नेतृत्व पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि “नीतीश कुमार की सरकार ने न तो कार्यकर्ताओं की सुनी, न समाज के हित में कोई ठोस कदम उठाया।”
पहले भी कई नेता छोड़ चुके हैं जेडीयू
इससे पहले भी जेडीयू को कई झटके लग चुके हैं। लक्ष्मेश्वर राय, जेडीयू के पूर्व जिला अध्यक्ष गोपाल मंडल समेत कई नेता हाल ही में आरजेडी का दामन थाम चुके हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, पार्टी में लगातार हो रही टूटफूट आने वाले चुनाव में जेडीयू के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है।
कुशवाहा समाज पर असर — जेडीयू और एलजेपी दोनों को नुकसान तय राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस बार कुशवाहा समाज के प्रभाव वाले क्षेत्रों में आरजेडी को इसका सीधा फायदा मिलेगा।
क्योंकि जो नेता पार्टी छोड़कर आरजेडी में शामिल हुए हैं, उनमें अधिकांश का झुकाव कुशवाहा समाज से है।
ऐसे में जेडीयू और एलजेपी दोनों को इस वर्ग के वोट बैंक में नुकसान उठाना पड़ सकता है।
तेजस्वी यादव का बड़ा दांव
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि यह सिर्फ दल बदल नहीं, बल्कि नई दिशा की राजनीति की शुरुआत है। आरजेडी हर वर्ग और समाज की आवाज़ बनने के लिए प्रतिबद्ध है।
राजनीतिक माहौल को देखते हुए माना जा रहा है कि तेजस्वी यादव ने नामांकन से पहले ही विपक्ष को मजबूत कर दिया है।
बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में यह घटनाक्रम नीतीश कुमार की पार्टी के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।
आने वाले दिनों में और भी नेताओं के पाला बदलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।