जोहार हिंदुस्तान | रांची : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) झारखंड इकाई ने राज्य सरकार की नीतियों और अल्पसंख्यक शिक्षा से जुड़ी समस्याओं के खिलाफ राजधानी रांची में बड़ा विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। यह विरोध प्रदर्शन दो चरणों में होगा पहला चरण कार्यकर्ता सम्मेलन के रूप में और दूसरा चरण पैदल विरोध मार्च के रूप में आयोजित किया जाएगा।
दो चरणों में होगा प्रदर्शन
पहला चरण : कार्यकर्ता सम्मेलन
📅 दिनांक: 02 नवंबर 2025
🕥 समय: सुबह 10:30 बजे
📍 स्थान: कांके रिंग रोड
दूसरा चरण : पैदल विरोध मार्च
📅 दिनांक: 02 नवंबर 2025
🕒 समय: दोपहर 3:00 बजे से
📍 स्थान: कांके रिंग रोड लॉ कॉलेज से कांके चौक तक
राजधानी रांची में विरोध प्रदर्शन के 6 मुख्य बिंदु
1. JAC द्वारा आलिम-फाजिल की डिग्री की मान्यता रद्द करने का विरोध — झारखंड एकेडमी काउंसिल (JAC) द्वारा आलिम फाजिल की डिग्री को असंवैधानिक बताते हुए उसकी मान्यता रद्द करने और आगे इस परीक्षा पर रोक लगाने के फैसले का AIMIM ने कड़ा विरोध किया है।
2. मदरसा बोर्ड और उर्दू शिक्षा बोर्ड का गठन शीघ्र हो — राज्य गठन के 24 वर्ष बाद भी इन बोर्डों का गठन नहीं होना अल्पसंख्यक शिक्षा के साथ अन्याय है।
3. 544 उर्दू स्कूलों की मान्यता तत्काल बहाल की जाए।
4. झारखंड आंदोलन में शहीद हुए मुस्लिमों को मिले सम्मान — AIMIM ने कहा कि राज्य आंदोलन में योगदान देने वाले मुस्लिमों को सरकारी स्तर पर सम्मान मिलना चाहिए।
5. राज्य में मॉब लिंचिंग कानून अविलंब लागू किया जाए।
6. मॉब लिंचिंग और पुलिस हिरासत में मारे गए लोगों के परिवारों को मिले न्याय — AIMIM ने मांग की कि ऐसे मामलों में पीड़ित परिवारों को रुपेश पांडे प्रकरण की तर्ज पर 50 लाख रुपये का मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
AIMIM का बयान
मांडर विधानसभा के AIMIM मीडिया प्रभारी आबिद हुसैन ने बताया कि पार्टी का यह आंदोलन झारखंड में शिक्षा, न्याय और समानता की आवाज बुलंद करने के लिए है। उन्होंने कहा कि “अल्पसंख्यक समुदाय के साथ हो रहे भेदभाव को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। AIMIM लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखेगी और सरकार को जगाने का काम करेगी।
उन्होंने प्रदेश के सभी जिलों से कार्यकर्ताओं, समर्थकों और नागरिकों से 2 नवंबर को रांची पहुँचने की अपील की, ताकि यह आंदोलन झारखंड की आवाज बन सके।