जोहार हिंदुस्तान | लोहरदगा : लोहरदगा जिला के भंडरा प्रखंड अंतर्गत मसमानो सोमवार बाजार बगीचा में जतरा आयोजन समिति और 7 पड़हा केंद्र पलमी-मसमानो-ठाकुर गांव के बैनर तले पारंपरिक जतरा का भव्य आयोजन बड़े ही उत्साह और उल्लास के साथ किया गया। इस अवसर पर ग्रामीणों ने पारंपरिक आदिवासी वेशभूषा धारण कर ढोल, मांदर, नगाड़ा और लोकगीतों की थाप पर नृत्य कर झारखंडी संस्कृति की अद्भुत छटा बिखेरी।
पूरा क्षेत्र लोकसंस्कृति की लय से गूंज उठा। लालपुर, तिगरा, मसमानो टांगरटोली, बरवाटोली सहित कई गांवों के खोड़हा दलों ने अपने पारंपरिक गीत-संगीत और नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया। जतरा स्थल पर मिठाई, खेल-खिलौनों और स्थानीय वस्तुओं की दुकानों में भी भारी चहल-पहल रही, जिससे मेले का नजारा और भी जीवंत हो गया।
अतिथियों का पारंपरिक स्वागत
जतरा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उदरंगी पंचायत के मुखिया परमेश्वर महली, सामाजिक कार्यकर्ता कलेश्वर साहू, ग्राम प्रधान सुकरा पाहन, लाल त्रिभुवन नाथ शाहदेव, लाल देश नाथ शाहदेव, लाल त्रिविक्रम नाथ शाहदेव, लाल सुरेश नाथ शाहदेव, निरंजन एक्का, शंकर राम, विजय साहू, जगनारायण सिंह, बासुदेव पाहन सहित कई गणमान्य लोग शामिल हुए।
अतिथियों का पारंपरिक रीति से स्वागत किया गया और बाद में सभी ने विभिन्न खोड़हा दलों से परिचय प्राप्त कर उनका उत्साहवर्धन किया।
नकद पुरस्कार से सम्मानित
जतरा में भाग लेने वाले प्रत्येक दल के अगुवाओं को नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर संबोधित करते हुए मुखिया परमेश्वर महली ने कहा जतरा सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि हमारी पहचान, भाईचारा और सामाजिक एकता का प्रतीक है। यह परंपरा हमें जोड़ती है और नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़े रखने का सबसे सशक्त माध्यम है।
वहीं लाल देश नाथ शाहदेव ने कहा आदिवासी संस्कृति की जड़ें बेहद गहरी हैं और जतरा इसका जीवंत उदाहरण है। ऐसे आयोजन न सिर्फ मनोरंजन का साधन हैं, बल्कि हमारी लोककला और परंपराओं को जीवित रखने का बड़ा प्रयास भी हैं।
ग्रामीणों का अहम योगदान
कार्यक्रम का संचालन बबलू उरांव और कलेश्वर उरांव ने संयुक्त रूप से किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन बिनोद उरांव ने प्रस्तुत किया। जतरा को सफल बनाने में प्रकाश उरांव, अमृत उरांव, लखन उरांव, लालमोहन उरांव, छोटू उरांव, नीरज उरांव, केश्वर उरांव, एतवा उरांव सहित सैकड़ों ग्रामीणों का योगदान सराहनीय रहा।