जोहार हिंदुस्तान | नई दिल्ली : आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने बड़ा बयान देते हुए AIMIM को INDIA गठबंधन में शामिल करने की वकालत की है।
पायलट ने कहा कि मैं हमेशा देखता हूं कि असदुद्दीन ओवैसी BJP के खिलाफ बातें करते हैं। अगर सभी ऐसे दल साथ आते हैं तो हमारा गठबंधन मजबूत होगा। हर वैसा दल जो एंटी–एनडीए है और उनके खिलाफ लड़ रहा है, उससे गठबंधन किया जा सकता है।
यह बयान बिहार की राजनीति में नए समीकरण खड़े कर सकता है और NDA खेमे की परेशानी बढ़ा सकता है।
AIMIM का बिहार में ट्रैक रिकॉर्ड
2020 बिहार विधानसभा चुनाव
AIMIM ने सीमांचल की 18 सीटों पर प्रत्याशी उतारे और 5 सीटों पर जीत दर्ज कर चौंकाया। किशनगंज, अमौर, बहादुरगंज, जोकीहाट और बायसी में AIMIM का प्रदर्शन शानदार रहा।
बाद में इनमें से 4 विधायक RJD में शामिल हो गए, जिससे पार्टी का सीधा असर सीमित हो गया।
2025 की तैयारी
इस बार AIMIM सिर्फ सीमांचल तक सीमित नहीं रहना चाहती। पार्टी ने घोषणा की है कि वह बिहार की लगभग 50 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है, जिसमें मिथिलांचल, शाहाबाद और सारण क्षेत्र भी शामिल हैं।
लोकसभा 2024
AIMIM को पूरे देश से सिर्फ हैदराबाद सीट मिली, जहां असदुद्दीन ओवैसी ने जीत दर्ज की।
अन्य राज्यों में प्रदर्शन
महाराष्ट्र विधानसभा (2019) में AIMIM ने 2 सीटें जीती थीं, लेकिन 2024 में घटकर 1 सीट रह गई।
तेलंगाना में भी AIMIM की सीमित मौजूदगी है और यह मुख्य रूप से ओवैसी परिवार के गढ़ हैदराबाद तक सिमटी रही है।
गठबंधन की सियासत और विवाद
AIMIM पर अक्सर आरोप लगता है कि यह विपक्षी वोटों को काटकर BJP को फायदा पहुंचाती है। कांग्रेस और RJD जैसे दल लंबे समय से इस पर सवाल उठाते रहे हैं।
हालांकि, असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि उनकी पार्टी गरीबों, दलितों और मुस्लिमों की आवाज उठाती है और BJP को मजबूत करने का आरोप सिर्फ एक राजनीतिक प्रोपेगैंडा है।
ओवैसी ने हाल ही में कहा था
अगर INDIA गठबंधन हमें 6 सीटों पर लड़ने का मौका देता है, तो हम उनके साथ आ सकते हैं। अगर जगह नहीं देंगे, तो यह साफ हो जाएगा कि कौन BJP को फायदा पहुंचाना चाहता है।
पायलट का बयान क्यों अहम?
सचिन पायलट का यह बयान ऐसे समय आया है जब बिहार में विपक्षी दल RJD, कांग्रेस और वामपंथी पार्टियां पहले से ही सीट बंटवारे की जटिल प्रक्रिया में उलझे हैं। AIMIM की एंट्री से समीकरण और पेचीदा हो सकते हैं।
सीमांचल की मुस्लिम बहुल सीटों पर AIMIM की पकड़ मजबूत मानी जाती है।
यदि AIMIM INDIA गठबंधन में शामिल होती है तो विपक्ष की पकड़ इन सीटों पर और मजबूत हो सकती है।
लेकिन अगर AIMIM को शामिल नहीं किया गया और उसने अकेले चुनाव लड़ा, तो विपक्षी वोटों में बंटवारा हो सकता है।
सचिन पायलट के बयान ने बिहार की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है।
क्या AIMIM INDIA गठबंधन का हिस्सा बनेगी, या फिर अलग राह अपनाएगी?
यह आने वाले दिनों में तय होगा, लेकिन इतना साफ है कि इस बार सीमांचल से लेकर पूरे बिहार की राजनीति में AIMIM की भूमिका अहम रहने वाली है।