जोहार हिंदुस्तान | नई दिल्ली : कानपुर से शुरू हुआ “I Love Prophet Mohammad” पोस्टर विवाद अब राष्ट्रीय स्तर पर फैल गया है। APCR (Association for Protection of Civil Rights) की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक देशभर में 21 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें 1,324 मुस्लिम समुदाय के लोग आरोपित हैं और इनमें से 38 को गिरफ्तार किया जा चुका है।
विवाद की शुरुआत
यह विवाद तब शुरू हुआ जब कानपुर में “I Love Prophet Mohammad” लिखे बैनर और पोस्टर लगाए गए। इसके विरोध में दर्ज एफआईआर ने अन्य जगहों पर भी प्रदर्शन और कानूनी कार्रवाई को जन्म दिया।
ताज़ा आँकड़े (23 सितम्बर 2025 तक)
APCR द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार
कुल FIR दर्ज: 21
नामज़द लोग: 1,324
गिरफ्तार व्यक्ति: 38
राज्यवार स्थिति
उत्तर प्रदेश
कानपुर: 1 FIR, 24 आरोपित
उन्नाव: 8 FIR, 85 आरोपित, 5 गिरफ्तार
कौशाम्बी: 1 FIR, 3 आरोपित, 3 गिरफ्तार
वाराणसी: 1 FIR, 20 आरोपित
शाहजहांपुर: 1 FIR, 200 आरोपित
महराजगंज: 1 FIR, 64 आरोपित, 3 गिरफ्तार
पिलिभित: 1 FIR, 9 आरोपित, 3 गिरफ्तार
काइसरगंज/बहराइच: 1 FIR, 355 आरोपित
बरेली: 1 FIR, 1 आरोपित
बागपत: 1 FIR, 150 आरोपित, 2 गिरफ्तार
उत्तराखंड
काशीपुर: 1 FIR, 401 आरोपित, 7 गिरफ्तार
गुजरात
गोधरा: 1 FIR, 88 आरोपित, 17 गिरफ्तार
बड़ौदा: 1 FIR, 1 आरोपित
महाराष्ट्र
बायकुला (मुंबई): 1 FIR, 1 आरोपित, 1 गिरफ्तार
APCR की प्रतिक्रिया
APCR का कहना है कि यह कार्रवाई धार्मिक अभिव्यक्ति को दबाने का प्रयास है। “I Love Prophet Mohammad” जैसे शांतिपूर्ण संदेश को अपराध मानना लोकतांत्रिक अधिकारों के खिलाफ है। संगठन का आरोप है कि बड़ी संख्या में निर्दोष लोगों को फँसाया जा रहा है और यह अल्पसंख्यक समुदाय पर लक्षित कार्रवाई है।
बड़ा सवाल
क्या धार्मिक भावना से जुड़ा एक पोस्टर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है या कानून व्यवस्था का उल्लंघन?
कानपुर से शुरू हुआ यह विवाद अब राष्ट्रीय बहस का मुद्दा बन चुका है। आँकड़े साफ बताते हैं कि मामले ने केवल कानूनी ही नहीं बल्कि धार्मिक स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। अदालतें और लोकतांत्रिक संस्थाएँ ही अब तय करेंगी कि यह मामला अभिव्यक्ति की रक्षा बनेगा या आज़ादी पर पहरा।