जोहार हिंदुस्तान | लोहरदगा : राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा, जिला समिति लोहरदगा की ओर से महतो, पहान, पूजार एवं बुद्धिजीवियों का एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित किया जाएगा। यह कार्यशाला आगामी 28 सितंबर 2025, दिन रविवार, सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक आदिवासी सांस्कृतिक कला भवन, कुटमू कचहरी मोड़, लोहरदगा में आयोजित होगी।
कार्यशाला का उद्देश्य
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य पेसा अधिनियम 1996 और उसकी नियमावली पर विस्तृत चर्चा करना है। हाल ही में माननीय उच्च न्यायालय, झारखंड ने राज्य सरकार को पेसा अधिनियम 1996 की नियमावली तैयार कर उसे पारित कर लागू करने का निर्देश जारी किया है। इस नियमावली के लागू होने से जल्द ही रूढ़िजन्य जनजातीय/आदिवासी समुदाय को प्रत्यक्ष लाभ मिलने की संभावना है।
उठेंगे अहम सवाल
कार्यशाला में निम्नलिखित बुनियादी सवालों पर विमर्श होगा
पेसा अधिनियम 1996 की नियमावली का लाभ किन-किन को मिलेगा? यह अधिनियम लाभ और ताकत किस प्रकार प्रदान करता है? भारतीय संविधान और न्यायपालिका की दृष्टि में पेसा अधिनियम तथा रूढ़िजन्य जनजातीय/आदिवासी और रूढ़िजन्य विधि की परिभाषा क्या है? वे कौन लोग हैं, जो पेसा अधिनियम 1996 की नियमावली को लागू होने से रोकते रहे हैं?
आयोजकों की अपील
राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा, जिला समिति लोहरदगा के जिलाध्यक्ष सोमदेव उरांव और पदाधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि यह कार्यशाला समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसलिए महतो, पहान, पूजार और सभी बुद्धिजीवियों से अपील की गई है कि वे अधिक से अधिक संख्या में इस कार्यक्रम में शामिल होकर पेसा अधिनियम 1996 की नियमावली और उसके महत्व पर समझ विकसित करें।