जोहार हिंदुस्तान | धनबाद: झारखंड विधानसभा की विशेष समिति (प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण) ने टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो की अध्यक्षता में निरसा स्थित कुइयां कोलियरी, गोपालपुर एवं मुगमा क्षेत्र का निरीक्षण किया। समिति में निरसा विधायक अरूप चटर्जी, धनबाद विधायक राज सिन्हा, सिंदरी विधायक चंद्र देव महतो, तोरपा विधायक सुदीप गुड़िया, चंदनक्यारी विधायक उमाकांत रजक और बोरियो विधायक धनंजय सोरेन शामिल थे। निरीक्षण के दौरान समिति ने ग्रामीण रैयतों से उनकी समस्याओं और सुझावों की विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
समस्याओं के निराकरण की पहल
सर्किट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता में सभापति ने बताया कि ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करने के लिए जिला प्रशासन के स्तर पर एक विशेष कोषांग का गठन किया जाएगा। इसमें रैयतों से आवश्यक कागजात लेकर शीघ्र कार्यवाही की जाएगी और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त मानव बल की प्रतिनियुक्ति भी की जाएगी। सभापति ने कहा कि एक महीने के भीतर रैयतों की समस्या का निराकरण होगा।
राजस्व को हो रहा नुकसान
सभापति ने कहा कि खनन के लिए रैयतों से ली गई कई हेक्टेयर भूमि की अब तक रजिस्ट्री नहीं हुई है, जिससे राज्य सरकार को भारी राजस्व नुकसान हुआ है। समिति ने ऐसी भूमि की शीघ्र रजिस्ट्री करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही सरकारी और फॉरेस्ट लैंड का भी उपयोग किया जा रहा है, जिसका राजस्व वसूला जाएगा।
ओवर बर्डन डंपिंग और मुआवजे की मांग
समिति ने सुरंगा क्षेत्र का दौरा किया, जहां ग्रामीणों ने शिकायत की कि उनकी सहमति के बिना रैयती जमीन पर ओवर बर्डन डंप किया गया है। इसके कारण घर, सड़क और विद्यालय क्षतिग्रस्त हुए हैं। समिति ने स्पष्ट किया कि प्रभावित लोगों को मुआवजा मिलना चाहिए और खनन कंपनियों को ओवर बर्डन डंपिंग एवं ब्लास्टिंग के मानदंडों का पालन करना अनिवार्य है।
सेल और डीजीएमएस को निर्देश
समिति ने स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) को निर्देश दिया कि सरकारी योजनाओं के लिए 15 दिनों के भीतर एनओसी जारी करें। एनओसी लंबित रहने से कई योजनाएं अटक जाती हैं और बड़ी आबादी लाभ से वंचित रह जाती है।
समिति सदस्य अरूप चटर्जी ने कहा कि खनन कंपनियां खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) के निर्देशों का पालन नहीं कर रही हैं। इसलिए डीजीएमएस को पिछले 3 वर्षों में उल्लंघन से संबंधित सभी पत्राचार का विवरण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि खनन कंपनियां 1972 के नेशनलाइजेशन एक्ट के दायरे से बाहर की लगभग 23,000 हेक्टेयर सरकारी भूमि पर अवैध खनन कर रही हैं, जिसकी मापी कर राजस्व वसूला जाएगा।
प्रशासनिक और कंपनी अधिकारियों की उपस्थिति
निरीक्षण और बैठक के दौरान उप विकास आयुक्त सादात अनवर, अपर समाहर्ता विनोद कुमार, डीएमओ रितेश राज तिग्गा, जिला शिक्षा पदाधिकारी अभिषेक झा, जिला शिक्षा अधीक्षक आयुष कुमार समेत प्रशासनिक और बीसीसीएल के अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।