जोहार हिंदुस्तान | लोहरदगा : अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ (अजप्टा) की लोहरदगा जिला समिति ने गुरुवार को जिले के सैकड़ों शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया और उपायुक्त को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश पर पुनर्विचार याचिका दायर करने की मांग की गई है, जिसमें वर्ष 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) पास करना अनिवार्य कर दिया गया है।
शिक्षकों की आपत्ति
शिक्षकों ने कहा कि 2010 से पहले नियुक्त शिक्षकों को टेट पास करने की अनिवार्यता से मुक्त रखा गया था। अब अचानक सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश उनके लिए गंभीर परेशानी बन गया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार –
जिन शिक्षकों की सेवा सेवानिवृत्ति में 5 वर्ष से कम बची है, वे नौकरी में बने रहेंगे, लेकिन बिना टेट पास किए उन्हें प्रमोशन का लाभ नहीं मिलेगा।
वहीं जिन शिक्षकों की सेवा अवधि 5 वर्ष या उससे अधिक शेष है, उन्हें 2 वर्ष के भीतर टेट पास करना होगा। ऐसा नहीं करने पर उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी या उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा सकती है।
शिक्षकों का कहना है कि यह फैसला अव्यावहारिक है और वर्षों से सेवा दे रहे अनुभवी शिक्षकों के साथ अन्याय है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस आदेश पर तुरंत पुनर्विचार याचिका दायर की जाए, ताकि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित रह सके।
कार्यक्रम में शामिल प्रमुख पदाधिकारी
इस प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपने के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षक-शिक्षिकाएं शामिल हुए। इनमें मुख्य रूप से
जिला अध्यक्ष : मनी उरांव
महासचिव : शंभु कुमार शर्मा
कोषाध्यक्ष : बैजनाथ प्रजापति
प्रमंडलीय अध्यक्ष : अजय कुमार सिंह
उपाध्यक्ष : नरेश कुमार दसौंधी
साथ ही लाल अरविंद नाथ शाहदेव, विजय कुमार दास, अनिल चौधरी, तबारक अंसारी, आरीफ अंसारी, वकील भगत, यसीम खलखो, मीरा खलखो, सीमा कुमारी चौधरी, मंजुला सेन, जयधर कुमार, अर्चना कुमारी, रामनारायण प्रसाद, कुन्दन मिश्रा, पुष्पा बाखला, सलोमी लकड़ा सहित सैकड़ों शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद रहे।