जोहार हिंदुस्तान | लोहरदगा : प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), झारखंड, रांची के निर्देशानुसार आज लोहरदगा जिला प्रशासन की ओर से समाहरणालय परिसर में पेंशन अदालत का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त डॉ. ताराचंद ने कहा कि पेंशन हर कर्मी का कानूनी अधिकार है। सेवा के दौरान वर्षों तक राज्य को दिए गए श्रम और समय का मूल्य केवल वेतन तक सीमित नहीं है, बल्कि सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन ही जीवन की आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है।
उपायुक्त ने स्पष्ट कहा किसी भी सेवानिवृत्त कर्मी का पेंशन छह माह के भीतर प्रारंभ होना चाहिए। ग्रेच्युटी और अन्य लाभ भी त्वरित मिलना अनिवार्य है। पेंशन किसी संवेदना पर आधारित नहीं, बल्कि विधिक प्रावधानों के आधार पर सुनिश्चित अधिकार है।
विसंगतियों को दूर कर त्वरित लाभ दें
उन्होंने निर्देश दिया कि विभागीय स्तर पर लंबित पेंशन मामलों में अनावश्यक देरी न हो। सेवानिवृत्त कर्मियों को तत्काल प्रक्रिया में लाकर पेंशन, ग्रेच्युटी और अन्य लाभ शीघ्र प्रदान किए जाएं।
उप विकास आयुक्त का संबोधन
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त दिलीप प्रताप सिंह शेखावत ने कहा कि सरकार ने कर्मियों की सेवानिवृत्ति उपरांत आर्थिक संबल सुनिश्चित करने के लिए पेंशन व्यवस्था लागू की थी। आज की पेंशन अदालत से कर्मियों को प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी मिल रही है।
सभी विभागों के स्टॉल
पेंशन अदालत में विभिन्न विभागों के स्टॉल लगाए गए थे, जहां सेवानिवृत्त कर्मियों को उनकी पेंशन से जुड़ी समस्याओं का समाधान और जानकारी दी गई।
प्रमुख उपस्थित अधिकारी
कार्यक्रम में अपर समाहर्ता जितेंद्र मुंडा, अनुमंडल दंडाधिकारी अमित कुमार, सिविल सर्जन डॉ. राजू कच्छप, जिला परिवहन पदाधिकारी जया सांखी मुर्मू, सीएजी कार्यालय के उप महालेखाकार सुभाष कुमार रजक, वरीय लेखा पदाधिकारी (पेंशन) अजित राजू राजन मिंज सहित जिले के सभी जिला व प्रखंड स्तरीय अधिकारी, सेवानिवृत्त कर्मी एवं आमजन बड़ी संख्या में मौजूद रहे।