जोहार हिंदुस्तान | नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एआईएमआईएम (AIMIM) ने सियासी हलचल तेज कर दी है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली में आयोजित अहम बैठक में यह साफ कर दिया कि इस बार पार्टी किसी तरह के समझौते या गठबंधन की राजनीति नहीं करेगी। ओवैसी ने दो टूक कहा”AIMIM बिहार की सभी 243 सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ेगी और जनता को असली राजनीतिक विकल्प देगी।”
बैठक में बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान, प्रदेश महासचिव अफताब आलम और राष्ट्रीय प्रवक्ता आदिल हसन भी मौजूद रहे। इस दौरान संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने, कार्यकर्ताओं को घर-घर तक पहुंचाने और जनता के बीच पार्टी की विचारधारा व नीतियों को स्पष्ट रूप से प्रचारित करने की रणनीति पर मंथन हुआ।
ओवैसी ने कहा कि एआईएमआईएम अब हाशिए पर पड़े तबकों, दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और युवाओं की आवाज़ बुलंद करेगी। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे चुनाव को मिशन मोड में लेकर चलें और जनता के बीच जाएं।
सूत्रों का कहना है कि पार्टी का फोकस अब सिर्फ सीमांचल तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे बिहार में संगठन को फैलाने की रणनीति पर काम होगा। यदि पार्टी का यह फैसला औपचारिक रूप से घोषित हो जाता है, तो बिहार की चुनावी राजनीति में यह सबसे बड़ा “पॉलिटिकल ब्लास्ट” साबित हो सकता है।
AIMIM का यह ऐलान बिहार की सियासत का समीकरण पूरी तरह बदल सकता है। सवाल यह है कि क्या ओवैसी का यह दांव जनता को लुभा पाएगा या फिर यह सिर्फ सीमांचल तक ही सिमटकर रह जाएगा?