जोहार हिंदुस्तान | लोहरदगा : संगठन सृजन 2025 कार्यक्रम के तहत प्रखण्ड कैरो, भंडरा और सेन्हा में कांग्रेस की अहम बैठकें आयोजित हुईं। बैठकों की अध्यक्षता क्रमशः प्रखण्ड अध्यक्ष अनीश खान, जुगल भगत और अनिल उराँव ने की।
इन बैठकों में जिला अध्यक्ष के चयन को लेकर AICC से नियुक्त पर्यवेक्षक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष (छत्तीसगढ़) मोहन मरकाम, छत्तीसगढ़ कांग्रेस के महासचिव पीयूष कोरसे, JPCC से नियुक्त पर्यवेक्षक एवं पूर्व सांसद फुरकान अंसारी तथा डॉ. राजेश कुमार गुप्ता विशेष रूप से मौजूद रहे।
जिला अध्यक्ष का चयन संगठन का भविष्य तय करेगा” – मोहन मरकाम
पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहन मरकाम ने अपने भावुक संबोधन में कहा कि जिला अध्यक्ष का चयन मात्र औपचारिकता नहीं, बल्कि कांग्रेस के भविष्य का फैसला है।
उन्होंने कहा… हमें ऐसा नेता चुनना है जो सिर्फ किसी बड़े चेहरे पर निर्भर न होकर जनता और संगठन के लिए पूरी तरह समर्पित हो। कांग्रेस त्याग, संघर्ष और सेवा की पार्टी है, और जिला अध्यक्ष भी इन्हीं मूल्यों का प्रतीक होना चाहिए।
उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे जाति, धर्म और गुटबाज़ी से ऊपर उठकर ईमानदार और कर्मठ कार्यकर्ता को जिम्मेदारी सौंपें।
जिला अध्यक्ष पॉकेट लीडर नहीं, कार्यकर्ताओं की आवाज़ हो – फुरकान अंसारी
पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने साफ शब्दों में कहा जिला अध्यक्ष किसी सांसद, विधायक या बड़े नेता का पॉकेट लीडर नहीं होना चाहिए। संगठन का मुखिया केवल कार्यकर्ताओं और जनता की आवाज़ होना चाहिए।
उन्होंने कार्यकर्ताओं को आगाह किया कि किसी दबाव या प्रभाव में आकर फैसला न लें और कहा कि सच्चा जिला अध्यक्ष वही है जो कार्यकर्ताओं की नब्ज़ समझे और सबको साथ लेकर चले।
नेता वही जो सबको जोड़ सके – डॉ. राजेश गुप्ता
डॉ. गुप्ता ने कहा कि संगठन का नेतृत्व उसी को मिलना चाहिए जो ईमानदार, निष्पक्ष और सभी समुदायों को साथ लेकर चलने वाला हो। उन्होंने कहा कि नया जिला अध्यक्ष पार्टी को नई ऊर्जा दे और सबको एक सूत्र में बांधने का काम करे।
बैठक में भारी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद
बैठक में जिला सोशल मीडिया प्रभारी प्रकाश उराँव, तीनों प्रखण्डों के अध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष, संपूर्ण प्रखण्ड एवं पंचायत कमिटी, सभी प्रकोष्ठों के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में वरिष्ठ कांग्रेसजन एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
इन बैठकों ने साफ कर दिया कि कांग्रेस जिला अध्यक्ष का चयन किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं बल्कि संगठन और जनता के लिए करने जा रही है। संगठन सृजन 2025 कार्यक्रम का यह मंथन कांग्रेस की उस विचारधारा को फिर से रेखांकित करता है जिसमें बलिदान, संघर्ष और सेवा ही असली नेतृत्व की कसौटी है।